अब तो तुमसे ही हम शिकवा कर सकते हैं,
ओर तुमसे ही अब शिकायत करेंगे,
जब नहीं रहेगा कोई पास हमारे,
तब तुमसे ही मीठी सी मोहब्बत करेंगे।।
साथ बैठकर बहुत सारी बाते करेंगे
कुछ तुम अपनी कहना , कुछ में भी कहूंगी
इसी तरह से कुछ देर रोज बैठकर
अपनी सी मुलाकात करेंगे।।
देखो रूठना मत मुझसे
में लिखती रहूंगी तुम्हे
अगर कभी हो जाये देर आने में
तो समझ लेना उस दिन कहीं
किसी को खुशी देने में व्यस्त हूँ,
पर तुमसे में आकर अपनी हर बात करूँगी
इसलिए तुमसे रोज मुलाकात करूँगी।।
क्योंकि एक छुपी हुई हंसी की
शुरुआत करूँगी।।
जानती हूं बारिश पसन्द है तुम्हे भी
मेरी तरह , ओर पसन्द है तुम्हे बारिश की बूंदों
को देखना , शायराना हो जाती हो तुम
जब भी बारिश और चाय को देखती हो ,
बिल्कुल मेरी तरह तराने गुनगुनाती हो।
हां हां वही प्यारी प्यारी शुरुआत करेंगे
एक दूजे से ढेर सारी बात करेंगे।।
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