ज्ञान है असली कसौटी परखने की

जानता है , एक अध्यापक किसी को पढ़ा सकता है , वो इलाज नहीं कर सकता आज के समय मे एक शिक्षक को भी एक विद्यार्थी कुछ सिखा देता है , क्योंकि उसे ज्ञान सिर्फ एक अध्यापक से नही मिलता , उसको ज्ञान मिलता है , उसके साथ रहने वालों से उसके माता पिता, भाई बहन, ओर आज के समय मे बहुत सी सुविधाएं प्राप्त हैं इंटरनेट पर, और वो सभी आपके गुरु बन जाते हैं उस समय में जब वो आपको कुछ सिखा रहे होते हैं आप जैसा देखते हो , या अपने बच्चों को , दोस्तों को या किसी को भी दिखाते हो , बताते हो , उसके मन मे वही ज्ञान के रूप में जाता है, इसलिए कभी भी आपका ज्ञानकाम नहीं होता और न ही आपके ज्ञान को कोई चुरा सकता है ,इसलिए कभी भी किसी कोई कोई शिक्षा दें तो ये न सोचें कि में क्यों बताऊ इसे बता दिया तो क्या पता ये मुझसे आगे निकल जाए , अगर ऐसा है भी तो आप भी आगे बढ़ सकते हैं , क्यूंकि जिसे ज़िन्दगी में कुछ हासिल करना होगा तो वो कहीं से भी कोई न कोई उसे मिल ही जायेगा ज्ञान देने वाला , आप नहीं बताएंगे तो कोई और बताएगा , इसलिए शिक्षा सिर्फ किताबों से नहीं होती ज़िन्दगी में जब जब आप जिन लोगों से मिलेंगे वहां आपको कुछ नया मिलेगा , आपको कोई अच्छा तो कोई बुरा मिलेगा लेकिन ये भी ज़िन्दगी की शिक्षा होगी , कि आपको क्या सही करा है और क्या गलत शिक्षक किताबी भाषा पढाते हैं पर उसका सही मतलब उसको जानना है , उसे समझना है,क्यूंकि हर शब्द का कोई मतलब होता है ओर सबसे ज्यादा आपके अंदर कितना ज्ञान है या नहीं भी है , आपके व्यक्तित्व पर निर्भर करता है।।
सोमी
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