इंसान कौन जानवर कौन (Pregnant Elephant)

कहते है जब इंसान को गुस्सा आता है और वो झगड़ा करने लगता है और इधर उधर हाथ छोड़ने लगता है या पागलों वाली हरकते करने लगता है , तो उसे सभी कहने लगते हैं कि ये देखो जानवर बन गया है , जानवरों जैसी हरकतें कर रहा है लेकिन सच तो ये है कि हम उसे जानवर न कहकर पागल घोसित करे तो ज्यादा ठीक होगा , क्यूंकि जानवर कभी ऐसी हरकत नहीं करते हैं , क्यूंकि जानवर में सोचने या समझने की इंसान कौन जानवर कौन शक्ति नहीं होती फिर भी वो इंसानियत का पालन करते हैं , वो सिर्फ दया के भूखे हैं , जब उन्हें भूख लगती है तब वो अपने पेट के लिए ही इधर उधर नुक्सान करते हैं और सच मनो तो वो नुक्सान इंसान के लिए होता जरूर है लेकिन एक जानवर अपना पेट भर रहा होता है , इसलिए वो खेतों में घुस जाते हैं , और इंसानो को लगता है की ये हमारा नुक्सान कर रहा है ,

एक सच जो हम सभी जानते हैं क़ि इंसान में सोचने समझने क़ि शक्ति ईश्वर ने दी है तभी वो सही तरह से पैसा कमाकर खा सकता है , लेकिन जानवर क़ि भूख तब मिट ति है जब वो पालतू हों , या फिर वो जंगली भी अपनी भूख मिटाने के लिए ही इधर उधर भागता है ,

कहते हैं क़ि बड़े जानवरों ने नुक्सान किया है , लेकिन उन्ही के लिए अगर हम खाना पानी एक जगह पर रखेंगे तो वो हमारा नुक्सान नहीं करेंगे !!

केरेला की इस खबर ने सबके दिलों को देहेला कर रख दिया है , ये बात सच है कि और क्या देखना चाहता है इंसान , २०२० जो कि इंसान ही इंसान के लिए खतरनाक हो गया है , ये सब देखने के बाद भी दुनिया में इस तरह के लोग है जो हैवानियत दिखा रहे हैं , एक हथिनी जो बोल नहीं सकती थी , अपना दर्द किसी से कह नहीं सकती थी , उसने इंसान के दिए हुए फल को सिर्फ इसलिए खा लिया कि वो भूखी है उसका बच्चा भूखा होगा , पर उस बेचारी माँ कि क्या पता था कि वो जिन पर भरोसा कर रही है वो इंसान तो इंसान का नहीं है तो मेरा कैसे होगा , उसे क्या पता था कि जिस फल को वो खा रही है वो विस्फोटक होगा , उसे मिठास नहीं दर्द मिलेगा इस दर्द को लेकर वो  तड़पती रही ३ दिन तक और पानी में खड़ी रही ताकि उसके पेट में जो बच्चा है उसे तकलीफ न हो , ये एक जानवर नहीं माँ कि हत्या हुई है ,नन्हा सा बचपन मिट गया , जब पटाखे उसके मुँह में फटे होंगे कितना दर्द कितनी जलन उसे हुई होगी ,वो अंदर ही अंदर कितना रो रही होगी ! जो स्नेह के लोभी होते हैं , प्रेम मांगते हैं , और अपनी भूख मिटाने के लिए थोड़ा सा खाना मांगते हैं और उनके साथ ऐसी शर्मनाक हरकत करने में उस इंसान को जरा सी भी दया नहीं आयी , कि


वो कैसे तड़प कर सोई होगी ,

अपने बच्चे के लिए भी तो मरने से

पहले  कितना रोइ होगी

इंसान जानवर निकलेगा ये कब उसने सोचा होगा

बच्चे को दुनिया में लाने  से पहले ही मोत

से जूझना होगा !!



अब तो दुनिया के इन कर्मो को देखकर भी लोग समझते नहीं है , इंसानियत को मारकर जीते हैं , और कहते हैं कि इंसान से

बढ़कर कोई है ही नहीं , हर तरफ सिर्फ शोर मचा है , कहीं रेप तो , कहीं  खून हुआ है ईश्वर देखो ये केसी दशा है हर तरफ इंसान खड़ा है , इंसान के रूप में काले अँधेरे में जैसे कोई भूत खड़ा है !!



अब आप ही बताओ इंसान कौन और जानवर कौन




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