तू भी एक दिन मुस्काएगा !!

दिल खवाहिशे करता बहुत है
और खुवाहिशों से डरता बहुत है
बस किसी की सुनता नहीं ,

कहता है तू रुकना नहीं
तू झुकना नहीं ,
हार जाना तूने सीखा नहीं ,
मंज़िल बहुत दूर है ,
पर पथ पर तुझे चलना है ,
मंज़िल पाने के लिए
बहुत दूर तक चलना है ,

अब नहीं तुझको रुकना है ,
किनारा भी मिल जायेगा ,
नदी भी पार होगी ,
पर हार मान कर बैठ जाना
ज़िंदगी से शिकायत होगी ,
न रुकना तू , न रुकना तू
एक दिन तेरी एहमियत होगी ,

हर सुख दुःख को देखने की तेरी आदत होगी
हर पल में खुश रहकर जीना तेरी चाहत  होगी ,
दिल खवाहिशे करता बहुत है ,
कहता है ये तू रुकना नहीं
तू झुकना नहीं ,
मिलना फिर बिछड़ना है
ज़िंदगी के दो  पहलु  है
इसमें गिरना फिर गिर कर उठना
पर कभी तुम न रुकना !

ज़िंदगी जैसे जियोगे वैसे ही
महसूस करोगे ,
सुख है तो सुख दुःख है तो दुःख ,
जैसे एक फेलियर को अगर दूसरा फेलियर मिल जाता है
तो उसे अकेलापन महसूस नहीं होता ,
तुझको भी किनारा मिल जायेगा ,
उस रब का इशारा मिल जायेगा ,
भरोसा कर उस रब पर जिसने तुझे धरती पर भेजा है ,
वो खुद रास्ता बन जायेगा ,
तुझे तेरी मंज़िल तक पहुंचाएगा !!
तू रुकना नहीं ,
तू झुकना नहीं ,
तू भी एक दिन मुस्काएगा
तू भी एक दिन मुस्काएगा !!

#Sheetal_Singh









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