प्रेम
किसी को भी जबरदस्ती पाना प्रेम नही है ,
वो तो बस मोह है , ओर प्रेम तो वो शक्ति है,
जो एक दूसरे के मन को पढ़ले , एक दूसरे को समझे ,
एक दूसरे के लिए तड़प हो ,
प्रेम में किसी को जबरदस्ती पाना प्रेम नही है
अगर उन्हें तुमसे प्रेम है तो वो सिर्फ तुम्हारे है ।।
अब वो इन बातों से अनजान भी हो सकते है।।
ओर जब तक उन्हें तुम्हारा प्रेम समझ मे आये तब तक तुम क्रोधित भी बन सकते हो ।।
thanks
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