कभी हार मत मानो .....
कभी हार मत मानो .....
जब हम सही रास्ते पर चल रहे है
और हमे अपनी मंज़िल करीब नजर आती है
और हम बहुत ख़ुशी महसूस करते है
पर जरुरी नहीं कि हम अपनी मंज़िल तक पॅहुच गए,
क्यूंकि मंज़िल तक पहुंचने के छोटे रास्ते को भी दूरी तय करनी पड़ती है
और उस दूरी में रास्ते बंद भी होते है , और हम कहते है कि किस्मत खराब है हमारी ,
पर हम हार नहीं मानते , कोई नया रास्ता चुनते है और किस्मत को न देखकर हम आगे बढ़ते है,
क्यूंकि हम जानते है कि रुक जायेंगे तो मंजिल नहीं मिलेगी , और जिसको कोई रास्ता नहीं मिलता वो थक कर हार मान जाता है और उसी रास्ते पर एक जगह खड़ा होकर खुदको किस्मत के भरोसे छोड़ देता है , हर खेल किस्मत का है , या हाथों की लकीरों का , सच तो ये है कि बिन हाथ वालों की भी किस्मत होती है , किसी को क्या पता कि कब क्या होगा ,
हम कहते है ,
अपनी किस्मत खुद बनाओ ,
न डरो किसी से ,न सर झुकाओ ,
शर्माना छोडो और सर उठाओ ,
आगे कदम बढ़ाओ ,खुदको नहीं हार को हराओ ,
ऐसा कोई जज्बा जगाओ , ख्वाब देखो और खुवाब सजाओ ,
कुछ करने की ठानो , कभी हार मत मानो !
रुको नहीं , बस चलते जाओ ,
रुको नहीं ,बस चलते जाओ !!
mery muskan
अमर उजाला Sheetal Singh
जब हम सही रास्ते पर चल रहे है
और हमे अपनी मंज़िल करीब नजर आती है
और हम बहुत ख़ुशी महसूस करते है
पर जरुरी नहीं कि हम अपनी मंज़िल तक पॅहुच गए,
क्यूंकि मंज़िल तक पहुंचने के छोटे रास्ते को भी दूरी तय करनी पड़ती है
और उस दूरी में रास्ते बंद भी होते है , और हम कहते है कि किस्मत खराब है हमारी ,
पर हम हार नहीं मानते , कोई नया रास्ता चुनते है और किस्मत को न देखकर हम आगे बढ़ते है,
क्यूंकि हम जानते है कि रुक जायेंगे तो मंजिल नहीं मिलेगी , और जिसको कोई रास्ता नहीं मिलता वो थक कर हार मान जाता है और उसी रास्ते पर एक जगह खड़ा होकर खुदको किस्मत के भरोसे छोड़ देता है , हर खेल किस्मत का है , या हाथों की लकीरों का , सच तो ये है कि बिन हाथ वालों की भी किस्मत होती है , किसी को क्या पता कि कब क्या होगा ,
हम कहते है ,
अपनी किस्मत खुद बनाओ ,
न डरो किसी से ,न सर झुकाओ ,
शर्माना छोडो और सर उठाओ ,
आगे कदम बढ़ाओ ,खुदको नहीं हार को हराओ ,
ऐसा कोई जज्बा जगाओ , ख्वाब देखो और खुवाब सजाओ ,
कुछ करने की ठानो , कभी हार मत मानो !
रुको नहीं , बस चलते जाओ ,
रुको नहीं ,बस चलते जाओ !!
mery muskan
अमर उजाला Sheetal Singh
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