जीवन और पेड़

एक बीज मिटटी में जब पनपता है एक बच्चे की तरह होता है , फिर उसमे अंकुर फूटता है और वो पौधा बनता है ,
धुप ,पानी , हवाओं में खेलता और बढ़ता है , बच्चो की तरह कोई तोड़ न दे उसे थोड़ा डरता है , फिर हँसता है मुस्कुराता है , लहलहाता है , और बढ़ता जाता है , फूल खिलते हैं , खूबसूरती झलकती है , हरे भरे फूलों से महकता है एक पेड़ बनकर , दूसरों को छाया देता है , खुद धूप सहता है , फिर फल लगते हैं , और पकते हैं , पेड़ खड़ा रहता है , बजन ढोता है , बिलकुल एक पिता की तरह पूरी परवरिश कर जब वो पेड़ बढ़ता है , हवाओं के झोंके , और बारिश में भीगकर , तूफानों से लड़ता है , और धूप में छाया बनकर और बारिश में भीगते हुए लोगों को सहारा देता है ,कई सालों तक खड़ा रहता है , कितने ही मौसम बदलते देखता है , और जब वो बूढ़ा होने लगता है हरे पत्ते और हरे पत्तों को सूखते देखता है , पत्ते सूखते हैं और गिरते हैं पेड़ को भी उतनी ही पीड़ा होती है जितना की पत्तों को , पर हरे पत्ते सूखे पत्तों का दर्द नहीं समझ सकते न ही पेड़ का दर्द समझ सकते क्यूंकि वो भूल जाते हैं की एक दिन उन्हें भी सुखना है और सुख कर गिरना है !!
यही ज़िन्दगी है इंसानो की माता पिता का आदर हमेशा करो , चाहे वो आपसे गुस्से में बात करे या ख़ुशी में , गुस्सा या डांट कहीं न कहीं हमारी ज़िन्दगी को सही मोड़ दिखाने के लिए होती है , हमेशा अपने माता पिता का और अपने से बड़ों का आदर सम्मान करें हमेशा उन्हें खुश रखें !!
हरे पत्ते सूखे हुए पत्तों का सहारा तो नहीं बन सकते , न ही पत्ते पेड़ का सहारा बन सकते गिरने के बाद पर इंसान का जीवन हमे बहुत खूबसूरत मिला है इसलिए अपने माता पिता का सम्मान करना ,
जब उन्हें सबसे ज्यादा जरुरत होती है अपने जीवन में अपने बच्चों की तो उस वक़्त उनका साथ दें उनकी इच्छाओं का आदर करें !!

टूटे पत्ते ही जानते हैं डाली से अलग होने का दर्द

सोमी 
आदर

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