मेरा कुछ भी लिखना..

मेरा कुछ भी लिखना 
दो पल तुमसे बाते करना होता है ,
जो मेरी चाहत को बया करता है 
मेरी चाहत को और बढ़ा देता है !!

शब्दों में तुम्हे उतार कर ,
पन्नो पर सजाना 
तुम्हे उंगलियों से छूना होता है ,
इजहार न सही पर तुमको खुदमे महसूस 
करना होता है ,


इरादा तुम्हे पाने का नहीं 
तुम्हारी चाहत में खो जाने का है ,
तुम्हे लिखना ही मेरी चाहत का एहसास 
और बढ़ा देता है !!

मेरा कुछ भी लिखना 
तुमसे इजहार करना होता है ,
जानती हु समझ कर भी न समझ बनते हो तुम 
पर मेरे हर एक शब्द में उतरते हो तुम ,
तुम्हारा देखना भी मेरी आँखों की नमी को 
रुक्सत करता है ,
जो मेरी चाहत को और बढ़ा देता है !!

अपने शब्दों से तुम्हे पुकारना 
सागर से नदी को मिलाना शब्दों के बहाने से 
वो तुम्हारे दिल में उतरना होता है 
मेरा कुछ भी लिखना 
तुम्हे याद करना होता है ,
मेरा कुछ भी लिखना तुम्हे याद करना होता है !!


सोमी :) 

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