आओ कहीं चलते हैं

आओ कहीं चलते हैं , कहीं दूर बहुत दूर जहां बस प्यार हो , 
एतबार हो , हरियाली हो , मुस्कानं हो , 
आओ कहीं चलते हैं , जहाँ महकती सी वादियां हो ,
नदी हो, पहाड़ हो , जहाँ पक्षियों की हुंकार हो ,

आओ कहीं चलते हैं ,
जहाँ झरना सा बहता हो , पानी की पुकार हो ,
एहसास हो , खुवाब हो , आँखों में सपने और मोहब्बत की मिठास हो ,

आओ कहीं चलते हैं ,जहाँ हवाओं में गीत हो  
आसमान में चेहचाहट हो , और मिटटी में महकती आहट हो,  

आओ कहीं चलते हैं , जहाँ एक छोटा सा घर हो , 
दरवाजा खोलते ही , चिड़ियों की आवाज हो ,
पास में नदी और नदी में एक नौका हो , 


आओ कहीं चलते हैं ,जहाँ  घर का बरामदा हो , 
बरामदे में बगीचा फूलों का , 
जहाँ पिंजरा हो चिड़ियों का , 
सेहमी सेहमी सी आवाज हो ,
एक पेड़ फलहार हो , मीठी मीठी बोलियां हो ,
फूलों पर तितलियाँ , और प्यारी प्यारी सी हर सुबह हो ,
आप हो , हम हो , और हमारा प्यार हो !!

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