अपना घोंसला

में आसमान को छूने की आदि हूं
मुझे पिंजरे में बांधना नहीं
कुछ बनना है मुझे, कुछ करना है मुझे
अपना घोंसला बुनना है मुझे

में चिड़िया हूँ , बहुत ऊंचा उड़ना है मुझे
रह न सकूँगी तुम्हारे पिंजरे में बंधकर
अपने पंखों को आजाद करना है मुझे
आसमान छूने की आदि हूं
अपना घोंसला बुनना है मुझे

अभी तो होंसला बाकी है 
बहुत दूर तक चलना है 
धूप, छांव, बारिशें, ओर कितने ही
तुफानो से लड़ना है मुझे

जानती हूं तुझसे जुड़ना है अभी, 
तेरे घोंसले में आकर बस तेरा ही बनना है मुझे
तेरे घर को संवार कर , ओर आगे निकलना है
बहुत सी यादें, बहुत सी बातें मुस्कान के साथ 
तेरे साथ ही उड़ना है मुझे।।





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