जिम्मेदार नागरिक (COVID - 19 )


हम सभी जानते हैं कि ये देश 2020 आते ही कोरोना  जैसी  खतरनाक बिमारी से जूझ रहा है , दुनिया भर में कुल 48.1 लाख से ऊपर कोरोना  संक्रमित हैं , और भारत की संख्या अब तक 1.01 लाख  पहुँच गयी है और हर दिन केस बढ़ते जा रहे हैं कोविड-19 बीमारी वाला वायरस उन बूंदों से फैलता है जो किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छिंकने या सांस लेने से पैदा होती हैं. ये बूंदें बहुत भारी होती हैं, इसलिए ज़्यादा देर तक हवा में नहीं रह पाती हैं और तुरंत ही फ़र्श या अन्य स्थान पर गिर जाती हैं जिसके कारण ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कब आ जाती है पता नहीं चलता ,अब सभी लोग 1947  की बातें जो किताबों में हुआ करती थी अब महसूस कर रहे होंगे जहां मलेरिया डेंगू जैसी बीमारियां मच्छर से हुआ करती थी , आज के समय में इंसान ही इंसान के लिए बिमारी बन गया है , जिसकी वजह से हर इंसान बिमारी से डर कर बैठा हुआ है , उससे कही ज्यादा इंसान भूख से जूझ रहे है , जिस तरह से भारत में बिमारी के चलते लॉक डाउन हुआ है , उसके बाद भी हर 24  घंटे में संक्रमित लोग मिल रहे हैं, अब देश की अर्थव्यवस्था को देखकर राज्यों ने घोसित तो कर दिया है कि लोग

अपने कारोबार खोल सकते हैं , सच पूछो तो कारोबार खोलने की इजाजत मिली है ,बिमारी खत्म नहीं हुई है, जगह जगह लोग इकट्ठे होकर बातें कर रहे हैं , सड़कों पर घूम रहे हैं , मुँह पर मास्क लगा हुआ है इसका मतलब ये नहीं कि आप खुद से ही बिमारी को न्योता दो ,और लोग लॉक डाउन होते हुए भी उसका शक्ति से पालन नहीं कर रहे हैं, जिसके चलते बिमार लोगों की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ी है , दिल्ली में 16 मई की आधी रात तक पिछले 24 घंटे के कोरोना वायरस के 422 नए मामले सामने आए हैं. जबकि 19 लोगों की मौत हुई है जो लोग इसे हलके में ले रहे हैं , उन्हें इस बात को समझना चाहिए , कि किसी भी बिमारी का इलाज आप लोग साथ रहकर मदद करके अपने लोगों को बच्चा सकते हो , लेकिन ये कोरोना  जैसी बिमारी से एक इंसान नहीं लाखों लोग जूझ रहे हैं , जब 1947  में देश का बंटवारा हुआ था, उस वक़्त लोगों पर ठिकाना था,  दूसरे देशों  में जाने का रहने और खाने का लेकिन कोरोना   हर देश में फैला हुआ है , और हम सभी को पता है कि सोशल डिस्टेंस में ही हमारा फायदा है , तभी हम सुरक्षित रह सकते हैं , क्या आप ये नहीं सोच सकते हैं कि क्या ये बिमारी से सुरक्षित करने का या उसको सही तरह से समझने का मतलब सिर्फ सरकारी अफसर ही करेंगे , क्या उन्ही लोगों का फर्ज बनता है  कि वही इन सबका ध्यानपूर्वक पालन करे क्या ये बिमारी सिर्फ पुलिस वालों , आर्मी , या डॉक्टर्स की ही है, पुलिस वाले अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए भी इस बिमारी की चपेट में आ रहे हैं , डॉक्टर्स इलाज करते हुए इस बिमारी से लड़ रहे हैं ताकि
हम सभी सुरक्षित रह सकें क्या हम तभी समझेंगे जब वो लाठी लेकर आएंगे तो हम लोग अपने घरों में घुसेंगे , या फिर हम उनकी बातों का पालन करेंगे , ये जिम्मेदारी सिर्फ सरकारी अफसर की नहीं है , हम सभी लोगों की है, २ महीने के लॉक डाउन में हम सब कुछ बातें तो सीख ही गए हैं , कि आजादी छिन जाने पर कैसा महसूस होता है , हम अपने परिवार के लिए कितना जरुरी हैं , और उनके साथ समय व्यतीत करने पर कैसा महसूस होता है , जिस तरह से सरकार जनता चुनती है उसी तरह गरीबों का पेट भी जनता ही भरती है , गरीब लोगों कि मदद करके , जगह जगह सिर्फ बातें करना ये जरूरी नहीं बल्कि उनके लिए कुछ करना ही , धर्म है , अगर हाथ पैर सलामत रहे हम सब सलामत रहे न तो फिर से हँसेंगे , फिर से झूमेंगे , कमा लेंगे , और अपनी ज़िन्दगी फिर बना लेंगे , जितना ज्यादा हो मदद कीजिये लोगों की किसी को भी भूखा न सोने दें अगर आपके आस पास कोई गरीब हो तो , इंसानियत दिखाएं और अपनी सुरक्षा खुद करें ताकि पुलिस वाले इस बिमारी से दूर रह पाएं , कोरोना वायरस की महामारी से उत्पन्न चुनौती और खतरे से निपटने के लिए भारत सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है। देश की जनता के सक्रिय सहयोग से हम देश में वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में सक्षम हैं। हम सभी की देश के प्रति ये जिम्मेदारी बनती है  कि हम अपना योगदान दें और अपने आसपास की जगह को साफ रखें , अक्सर छुई जाने वाली जगहों को सुरक्षित करें  और कृपया करके इस बिमारी को हलके में न लें और सरकार के आदेशों का नियम से पालन करें !!

Mery Muskan(शीतल )
नयी दिल्ली

2 comments:

  1. Salute the courage and energy of corona warriors. Feels like God has taken avatar in form of corona warriors. Thanks!

    ReplyDelete
  2. बहुत बढ़िया लिखा है

    ReplyDelete

If you have any doubts please let me know
अगर आप मेरी मुस्कान से जुड़े कोई सवाल करना चाहते हैं तो मुझे बताये