अंग्रेजी भाषा का भारत मे प्रभाव


अंग्रेजी भाषा का भारत मे प्रभाव


आज के इस बदलते दौर में हमारे भारत मे सबसे ज्यादा हमारी भाषा पर असर होता है ,इंग्लैंड और अमेरिका जैसे देशों की राष्ट्रीय भाषा अंग्रेजी है क्योंकि उन देशों में ज्यादातर लोग अंग्रेजी भाषा बोलते ओर समझते हैं ,  उसी तरह  भारत मे कितनी भाषाएं बोली जाती है इसका अनुमान लगाना मुश्किल है लेकिन हिंदुस्तान में कई भाषाएं बोली ओर समझी जाती हैं ,भारतीय आंदोलन में सिर्फ 22 भाषाओं को मान्यता प्राप्त है जिसमे अंग्रेजी का चुनाव नही हुआ ।


फिर भी आज के समय मे लोग अंग्रेजी को अपना सबसे बड़ा माध्यम मानने लगे हैं , जहां भी जाओ वहां अंग्रेजी देखी जाती है , अपना परिचय अगर आप हिंदी में देने लगते हो तो हमारे सामने वाला आदमी गंवार समझने लगता है ,क्योंकि हम अंग्रेजी नही बोलते ओर अंग्रेजी नही आती तो आपको किसी बड़ी कंपनी में नौकरी नही मिलेगी , अगर आप अपने बारे में अंगेजी की वजह कोई दूसरी भाषा का प्रयोग करते हो तो मालिक कहने लगता है कि हमे ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता है जो कि हमारी कंपनी को आगे बढ़ाए , उसे अंग्रेजी आती हो , अंग्रेजी न आने के कारण जरूरतमंद लोग ओर मेहनती लोग एक अच्छी नौकरी नही कर पाते, एक अच्छी नौकरी सिर्फ उनके हाथ आती है , जिसने डिग्रियां अंग्रेजी माध्यम से प्राप्त की हो , आज के समय मे अंग्रेजी के चलते कितने ही लोग पीछे रह जाते हैं , जबकि सामने वाला व्यक्ति भी अपने परिवार वालों से अपने मित्रजनो से उस भाषा मे बात करता होगा जो उसके घर मे बोली जाती है , चाहे वो हिंदी हो या पंजाबी या फिर अंग्रेजी ,अमेरिका या अन्य ऐसे शहरों में जहां सिर्फ अंग्रेजी बोली जाती हैं , वहां हम उन्हें ये तो नहीं कहते हैं कि हमे अंग्रेजी नहीं आती है आप हिंदी सीख कर आइये,  जिस तरह से हम अमेरिका या बाहर किसी देश की कंट्री के साथ काम करते हैं और उन्हें जबरदस्ती हिंदी या अन्य भाषा का प्रयोग करने के लिए जबरदस्ती नहीं बोलते हैं , तो हमारे भारत जैसे देश मे जिसमे अन्य भाषाएं बोली ओर समझी जाती हैं वहां पर अंग्रेजी को जबरदस्ती हमारे ऊपर बांधा जाता है , कि अंग्रेजी आना जरूरी है वरना तुम एक अच्छी नौकरी के काबिल नहीं बन सकते , ये किस किताब में लिखा है कि अंग्रेजी भाषा होना ही हमे ज़िन्दगी की सबसे ऊपर वाली सीढ़ी तक ले जाएगी , हमेशा काम मे लगन हो , मेहनत हो , ईमानदारी हो तो बिना किसी भाषा का प्रयोग कर हम अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं , क्योंकि हमें समझने की जरूरत होती है , भाषा तो गूंगे की भी नहीं होती लेकिन वो फिर भी बातें करता है , सिर्फ समझाते हुए , उसे जरूरत नहीं अंग्रेजी या हिंदी भाषा की इसलिए हमेशा काबिल बनो , काबिल इंसान ढूंढो , मेहनती इंसान देखो न की उसकी भाषा।।

Mery Muskan
(Dellhi)

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