तुम्हारी असली जरूरत

क्या कभी किसी कंपनी में आपने इस तरह का इंटरव्यू दिया है , कि सर में अपनी मात्र भाषा को use करना चाहता हूँ क्यूंकि में उसे अच्छी तरह से बोल सकता हूँ ,
सर मुझे ये काम आता है , जो आपकी कंपनी भी करती है , तो में काम के लिए तैयार हूँ
सर में बहुत मेहनत करूँगा /करुँगी अगर आपको मेरी मेहनत में कोई कमी नजर आती है तो आप मुझे बता सकते है में सुधार लाने की कोशिश करूँगा /करुँगी !
सर आप मुझे थोड़ी सैलरी कम देंगे मुझे चलेगा , लेकिन में चाहता /चाहती हूँ कि आप मुझे सम्मान दें , अगर मुझसे कभी गलती होती है तो आप मुझे बुलाकर समझा सकते हैं ताकि मुझे मेरी भूल का पता चले और में उसमे सुधार लाऊँ ,
सर में आपको कुछ एक्सट्रा नहीं बताऊंगा /बताउंगी जो मुझे नहीं आता , हाँ में ये वादा करता /करती हु कि जो मुझे नहीं आता वो में सीखूंगी , और अपने सीनियर से सपोर्ट लूंगी क्यूंकि में सीखने की इच्छुक हूँ !!
इससे आपको कंपनी के बारे में भी पता चल जाता है कि कंपनी तुमसे सिर्फ मतलब चाहती है कि सैलरी दे रहे हैं तो कुछ भी करवा सकते हैं , या एक अच्छा टीम मेंबर चाहती है कि वो कंपनी को अपनी कंपनी समझकर हमारे साथ काम करे !!
क्यूंकि एम्प्लोयी भी तभी सपोर्ट करता है जब बॉस उन्हें ये एहसास न होने दे की वो किसी और की कंपनी में काम कर रहे हैं , बल्कि ऐसा दिखाओ कि वो कंपनी उनकी भी है , जिससे कि कंपनी के साथ हर एम्प्लोयी ये समझकर साथ रहे जब बुरा वक़्त है तो भी बॉस की अच्छी आदतें सामने नजर आये और जब अच्छा वक़्त है तब भी उसका व्यवहार सामने आये कि हम आपके साथ हैं !!
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