तुम्हारी असली जरूरत

आज कल जिस भी कंपनी में जाते हैं , लोग language देखते हैं , कि तुम्हे इंग्लिश आती है या नहीं अगर हम बोल नहीं सकते और हमे वो काम आता है जिसकी तुम्हे जरूरत है तब आप उसके काम को देखेंगे या फिर उसकी language आप ही बताइये , जाहिर है उसके काम को देखेंगे आप , क्यूंकि आपको काम की जरूरत है , न कि उसकी बातों की उसकी बोली की , इसी तरह से जब हम इंटरव्यू देने जाते हैं तो हम अपनी skills बताते हैं और हम हमेशा कोशिश करते हैं कि हम ज्यादा से ज्यादा टैलेंट अपने अंदर दिखा सके ताकि आपको वो जॉब मिल जाए , पर आपने वो टैलेंट दिखा भी दिया आप इंटरव्यू में पास हो भी गए , और बाद में आप वो रिजल्ट न ला पाए जो वो बॉस एक्सपेक्ट  कर रहा था आपसे , वहाँ आपकी image खराब हो जाती है , क्यूंकि बॉस कहता है कि पहले तो तुम इतनी बातें बोल रहे थे , और अब क्या हुआ , कहाँ गया तुम्हारा टैलेंट जबकि टैलेंट तुम्हारा तब भी यही था और अब भी वही है , पर जरुरी नहीं जो हम चाहते हैं वो हमे उसी वक़्त मिल जाये , इससे कंपनी तुम्हे समय भी नहीं देगी सुधार का और निकाल देगी , और अक्सर आपके टैलेंट को देखकर जब आप सैलरी कि मांग करते हो तब कंपनी वाले कम सैलरी में एक अच्छा person  मिल जाये यही एक्सपेक्ट करती है , यहाँ तो बात सिर्फ कंपनी और एम्प्लोयी की होती है ,

क्या कभी किसी कंपनी में आपने इस तरह का इंटरव्यू दिया है , कि सर में अपनी मात्र भाषा को use करना चाहता हूँ क्यूंकि में उसे अच्छी तरह से बोल सकता हूँ ,
सर मुझे ये काम आता है , जो आपकी कंपनी भी करती है , तो में काम के लिए तैयार हूँ
सर में बहुत मेहनत करूँगा /करुँगी  अगर आपको मेरी मेहनत में कोई कमी नजर आती है तो आप मुझे बता सकते है में सुधार लाने की कोशिश करूँगा /करुँगी !
सर आप मुझे थोड़ी सैलरी कम देंगे मुझे चलेगा , लेकिन में चाहता /चाहती हूँ कि आप मुझे सम्मान दें , अगर मुझसे कभी गलती होती है तो आप मुझे बुलाकर समझा सकते हैं ताकि मुझे मेरी भूल का पता चले और में उसमे सुधार लाऊँ ,
सर में आपको कुछ एक्सट्रा नहीं बताऊंगा /बताउंगी जो मुझे नहीं आता , हाँ में ये वादा करता /करती हु कि जो मुझे नहीं आता वो में सीखूंगी , और अपने सीनियर से सपोर्ट लूंगी क्यूंकि में सीखने की इच्छुक हूँ !!
इससे आपको कंपनी के बारे में भी पता चल जाता है कि कंपनी तुमसे सिर्फ मतलब चाहती है कि सैलरी दे रहे हैं तो कुछ भी करवा सकते हैं , या एक अच्छा टीम मेंबर चाहती है कि वो कंपनी को अपनी कंपनी समझकर हमारे साथ काम करे !!
क्यूंकि एम्प्लोयी भी तभी सपोर्ट करता है जब बॉस उन्हें ये एहसास न होने दे की वो किसी और की कंपनी में काम कर रहे हैं , बल्कि ऐसा दिखाओ कि वो कंपनी उनकी भी है , जिससे कि कंपनी के साथ हर एम्प्लोयी ये समझकर साथ रहे जब बुरा वक़्त है तो भी बॉस की अच्छी आदतें सामने नजर आये और जब अच्छा वक़्त है तब भी उसका व्यवहार सामने आये कि हम आपके साथ हैं !!

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