एक गुलाब
एक गुलाब जो सबसे अलग था !
एक दिन एक बाघ में अचानक से चली गयी थी में ,
बहुत सारे फूल निहार रहे थे मुझे ,
लेकिन मेरी आँखे थोड़ी नम सी थी और मेरी चाहत कही गुम सी थी ,
यादें लेकर चली थी जिस और वहां घूर रहा था मुझे हर फूल
थोड़ा घबराई सी थी जब भी कोई फूल करीब आता
और कभी अपने पत्तों से तो कभी अपनी टहनी से
मुझे अपनी और बुलाता , में सेहमी सी थी
मुझे तो एक फूल चाहिए बस यही एक कमी सी थी
बहुत खूबसूरत है ये सभी फूल , किसी के पत्ते हरे हैं तो किसी
की पंखुड़ियां बहुत खूबसूरत सी है ,
कोई गुलदस्ते के रूप में सामने आया , और मुझे
उसने बहुत बहकाया , हमारी कीमत है ज्यादा
लेकिन हमारा वजूद है उससे भी ज्यादा
अपने आप में ही तोलने लगे थे सब खुदको
लेकिन मेरे पास उसकी कीमत नहीं थी
फिर भी उनको खरीदना चाहा मेने लेकिन उनमे कांटे बहुत थे
हाथ रखा और उसने छुआ मुझे जैसे बिजली का झटका सा लगा
और मेने अपना हाथ पीछे हटा लिया ,
मेरे मन ने भी जवाब दिया , ये फूल नहीं गुलदस्ता है ,
ये महंगा है बहुत नहीं बिलकुल सस्ता है , कुछ दिन महकेगा फिर
कूड़े में जायेगा , नहीं तेरे कुछ भी काम आएगा ,
में सोचने लगी क्या लूँ जो मुझको भाए,
जिसकी न कीमत ज्यादा हो , बस वो तो खुशबु बिखेरे
और मेरे दिल में रहे मेरे पास रहे , जिसको सजा कर रखूंगी डायरी में
जो महकेगा मेरे शब्दों में , जो देगा खुशबू मेरी बातों को
पूरे बाघ में घूमी तो एक फूल नजर आया था जिसे देखा नहीं था मेने
और वो देख रहा था मुझे शांत आँखों से , जिसमे मासूमियत थी और
मेरे चहरे को निहार रहा था लग रहा था जैसे कुछ कहना चाहता हो मुझसे
में उसके करीब गयी और उसे प्यार से छुआ , और वो सेहम सा गया मुस्कुराने लगा
मेने कहा कांटे तो नहीं चुभाओगे मुझे ,
वो टूटकर गिर गया , और कहा , लीजिये अब आपको कभी कांटे नहीं चुभेंगे
हम सूख भी जाये तो भी आपकी शायरी में आपकी डायरी में रहेंगे !
उफ़ तक न करेंगे , आपके हर सितम सहेंगे , बस ले चलिए अपने साथ हमे
हम वो गुलाब है जो आपके दिल में रहेंगे !!
Happy Rose Day
एक दिन एक बाघ में अचानक से चली गयी थी में ,
बहुत सारे फूल निहार रहे थे मुझे ,
लेकिन मेरी आँखे थोड़ी नम सी थी और मेरी चाहत कही गुम सी थी ,
यादें लेकर चली थी जिस और वहां घूर रहा था मुझे हर फूल
थोड़ा घबराई सी थी जब भी कोई फूल करीब आता
और कभी अपने पत्तों से तो कभी अपनी टहनी से
मुझे अपनी और बुलाता , में सेहमी सी थी
मुझे तो एक फूल चाहिए बस यही एक कमी सी थी
बहुत खूबसूरत है ये सभी फूल , किसी के पत्ते हरे हैं तो किसी
की पंखुड़ियां बहुत खूबसूरत सी है ,
कोई गुलदस्ते के रूप में सामने आया , और मुझे
उसने बहुत बहकाया , हमारी कीमत है ज्यादा
लेकिन हमारा वजूद है उससे भी ज्यादा
अपने आप में ही तोलने लगे थे सब खुदको
लेकिन मेरे पास उसकी कीमत नहीं थी
फिर भी उनको खरीदना चाहा मेने लेकिन उनमे कांटे बहुत थे
हाथ रखा और उसने छुआ मुझे जैसे बिजली का झटका सा लगा
और मेने अपना हाथ पीछे हटा लिया ,
मेरे मन ने भी जवाब दिया , ये फूल नहीं गुलदस्ता है ,
ये महंगा है बहुत नहीं बिलकुल सस्ता है , कुछ दिन महकेगा फिर
कूड़े में जायेगा , नहीं तेरे कुछ भी काम आएगा ,
में सोचने लगी क्या लूँ जो मुझको भाए,
जिसकी न कीमत ज्यादा हो , बस वो तो खुशबु बिखेरे
और मेरे दिल में रहे मेरे पास रहे , जिसको सजा कर रखूंगी डायरी में
जो महकेगा मेरे शब्दों में , जो देगा खुशबू मेरी बातों को
पूरे बाघ में घूमी तो एक फूल नजर आया था जिसे देखा नहीं था मेने
और वो देख रहा था मुझे शांत आँखों से , जिसमे मासूमियत थी और
मेरे चहरे को निहार रहा था लग रहा था जैसे कुछ कहना चाहता हो मुझसे
में उसके करीब गयी और उसे प्यार से छुआ , और वो सेहम सा गया मुस्कुराने लगा
मेने कहा कांटे तो नहीं चुभाओगे मुझे ,
वो टूटकर गिर गया , और कहा , लीजिये अब आपको कभी कांटे नहीं चुभेंगे
हम सूख भी जाये तो भी आपकी शायरी में आपकी डायरी में रहेंगे !
उफ़ तक न करेंगे , आपके हर सितम सहेंगे , बस ले चलिए अपने साथ हमे
हम वो गुलाब है जो आपके दिल में रहेंगे !!
Happy Rose Day
खूबसूरत
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