तन तो एक मिट्टी है
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Sheetal Singh |
लेकिन क्या हासिल कर पाया तू
ये जिस्म तो मिटटी की मूरत है
मिटटी में मिल जायेगा
अब तू ही बता क्या तू कभी मुझे जीत पायेगा
बहुत आसान था तेरा मेरी ज़िन्दगी में आना
बहुत मुश्किल था तुझसे ये रिश्ता निभाना
अब तू ही बता क्या तू मुझसे ज़िंदगी में कभी मिल पायेगा
में तेरी नहीं , तू मेरा नहीं , तू जानता नहीं
इस मन पे किसी का पहरा नहीं
क्या तू कभी मेरे दिल में जगह बना पायेगा
तू बस भटकता रह जायेगा
में तरसती रही तेरे समय के लिए
तेरी चाहत के लिए
अब तेरी बारी है , में तो रह ली तेरे बिना
अब क्या तू मेरे बिना रह पायेगा
तुझे जिस्म की चाहत थी , और किसी और ने मेरी चाहत की
अब ये जिस्म भी उसका , ये चाहत भी उसकी
मेरे मन पर मेरे दिल पर अब इजाजत भी उसकी
इसमें तेरा क्या हुआ , तूने क्या हासिल किया
अब क्या तू मुझे समझा पायेगा
एक दिन की हवस होती है तुम्हारी
और लड़की की कर देते हो ज़िंदगी तबाह
पढ़े लिखे कहते हो खुदको
मेरे घर में भी माँ बहन है
ये कहते हो लेकिन किसी की बहन बेटी
के साथ हमेशा गलत ही सोचते हो
हक़ दे नहीं सकते तो हक़ जताना छोड़ दो
वरना जिस्म से प्यार करके प्यार का नाम देकर
इश्क़ करना छोड़ दो !!
#Merymuskan
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