भारतीय नारी और उसकी कहानी
भारतीय नारी और उसकी कहानी
एक औरत अगर वो भारतीय है तो अपने सभी कर्तव्य का पालन करती है , क्यूंकि बचपन से ही उसे सिखाया जाता है क़ि औरत को घर से ज्यादा बाहर नहीं रहना चाहिए , छोटे कपडे नहीं पहनना चाहिए ,ज्यादा पढ़ना लिखना ठीक नहीं है , करना तो चूल्हा चौका ही है , ये पराया धन है , ये घर उसका नहीं जहां भारत में ही रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरता थी , कल्पना चावला जैसी चाँद पर जाने का होंसला रखने वाली पहली महिला थी ,समाज सेवा करने वाली मदर टेरेसा थीं, वहीँ दूसरी और छोटी सोच रखने वाले महिलाओं को मारना पीटना और दबाकर रखना पुरानी परम्पराएँ निभाना , अगर औरत ने किसी आदमी से बात की तो उसके ऊपर तेजाब डालना , ताकि वो सुंदर न रहे और उसकी सुंदरता निकल जाने के बाद कोई आदमी उसे देखेगा नहीं , लेकिन तेजाब फेकने से औरत के इरादे कमजोर नहीं होंगे , जो शरीर की सुंदरता को देखकर उसकी सुंदरता बिगाड़ देते हैं , उनकी सोच समाज में रहने के लायक नहीं होते , अगर लक्ष्मी अग्रवाल भी अपने एसिड से जले हुए चेरे को देखकर घबरा जाती तो आज वो ये मुकाम न पाती , क्यूंकि उसके होंसले काम नहीं थे , उसे चिड़िया नहीं बाज बनना था ,
इसी तरह की सच्ची कहानी है एक और लड़की की जिसका नाम ज्योति था जब एक औरत अपने घर में होती है , बचपन से लेकर शादी तक कितनी ही मुश्किलों का सामना करती है , पहले लड़की पैदा हुई है अब तो शादी पर दहेज़ देना होगा , लड़का होता तो घर में बहु आती और दहेज़ लेकर आती , फिर जब मान की तबियत खराब होती है तो मान बेटे से कहती है मेरा सर दबा दे तो बेटा कहता है में खेलने जा रहा हूँ , और बेटी बिन बोले भी अपनी माँ का सर दबाने लगती है , और माँ की तबियत को देख ५ साल की उम्र में भी घर में झाड़ू और पोंछा लगाने लगती है , जब भाई को देख स्कूल जाते तो वो भी माँ से कहती है कि मुझे भी स्कूल जाना है और भैय्या की तरह पढ़ना है , वहाँ दादा कहते हैं कि क्या करेगी पढ़कर करना तो चूल्हा चौका ही है , कोनसा हमारे घर की है , बेटी तो परायी है , फिर भी जिद करके पापा से अपनी पढाई की मांग करती है , भाई की किताबें पढ़ लूंगी यही बस बात वो कहती है , और जिद करके वो आगे बढ़ती है , स्कूल से आकर घर का सारा काम वो करती है ताकि उसका स्कूल बंद न करवा दे इस बात से वो डरती है , माँ बाप की सेवा का हर पल ख्याल वो रखती है , समय के साथ बीत जाता है बचपन ,और किसी लड़के से बात करने पर घर में बवाल मचता है , अभी स्कूल पास भी नहीं किया कि रिश्ते देखना शुरू कर दिया , में पढ़ना चाहती हूँ कहते हुए उसकी शादी अपने से १४ साल बड़े आदमी से करदी जाती है , और सपने दिखाकर कि एक दिन तो सबकी शादी होती है और वो लड़का तुझे पढ़ायेगा , कहकर बंधन में बांध दिया जाता है , लड़की के भी सपने होते हैं ये कोई समझ नहीं पाता है , यहां आँखों में सपने लिए और माता पिता के मान के लिए समाज के लिए सब त्याग कर पत्नी होने का धर्म निभाती है , जिसे ये नहीं पता कि मिलन क्या होता है , उसका पति जो कि उससे १४ साल बढ़ा है उसके साथ जबरदस्ती प्यार प्यार कहकर में पति परमेश्वर हूँ कहकर उसके साथ रिश्ता बनाता है ,और उसका बलात्कार करता है , जब कभी कुछ चीजें दोनों की मर्जी से न हो तो वो सम्बन्ध बलात्कार कहलाता है , लड़की के साथ क्या हुआ उसे समझ नहीं आता , जब वो अपनी मम्मी से ये सारी बातें कहती है तो उसकी माँ ने कहा कि ऐसा सभी लड़कियों के साथ होता है और अब वो तुझे जैसा भी रखे वही तुम्हारा अपना है और वही तुम्हारा अपना घर है ,तभी उसे एक नाम और मिलता है जो की उसका पीटीआई का चुना हुआ होता है , वो ज्योति से लक्ष्मी बन जाती है , क्यूंकि उसके पति का दिया हुआ नाम वही है उसकी क्या पहचान रही , यहां सास भी ताने देती है अगर कोई गलती हो
हो जाये तो कि तेरी माँ ने कुछ सिखाया नहीं है , पता नहीं कहाँ से आ गयी है हमारे घर में , अपनी माँ से शिकायत करती है कि मेरी सास ने मुझे ऐसा बोलै तो माँ पापा सभी कहते है कि अब तुम परायी हो ये घर तुम्हारा नहीं वही तुम्हारा अपना घर है , घर वालों से उम्मीद ख़त्म कर जब वो अपने कदम आगे बढ़ाती है और पति से कहती है कि में पढ़ना चाहती हूँ तो वो अपनी पत्नी को मारता है ,और औरते पढ़कर क्या करेंगी कहकर उसे चुप करवा देता है , जब भी लड़ाई होती है हर बार लड़की को ये कहा जाता है कि ये तेरा घर नहीं है , मेरा घर है ज्यादा जुबान चलाई तो तेरे माँ बाप के घर भेज दूंगा , देखते ही देखते उसके २ बच्चे हो जाते हैं , और घर गृहस्थी को संभालना सीख गयी , सपने टूट चुके होते हैं और अब पति पीने भी लगता है , और हर बात पर हाथ उठाता है , कुछ बोलती है तो पति धमकी देता है मेरे घर से निकल जा , लड़की हमेशा यही सोचती है कि कोनसा घर मेरा है , माता पिता का या पति का , पति को रोज पीता देख झगड़ते देख बच्चों पर असर न हो उनकी पढाई पर असर न हो ये सोचकर वो अपनी पड़ोसन के साथ काम पर जाने लगती है , पर जो भी पैसा वो लेकर आती है उसका पति जुएं में उड़ाता है , और अब वो अपने पति की बातों का ख्याल न करके अपने बच्चों की पढाई के लिए पैसा जमा करती है , एक दिन उसके साथ एक लड़का उससे बात करता है वो भी उसके ऑफिस में काम करता है जो की बस इतना बताने आता है कि मैडम कल आपको जल्दी आना है , और वो कहती है कि हाँ में अपने सही समय पर पहुँच जाउंगी , तभी उसका पति वहाँ से गुजर रहा था और उसे देख लेता है हँसते हुए , और जब वो घर आती है तो उसे बोलता है कि बहुत आशिक बनाये हुए हैं तूने सब तेरी परवाह करते हैं , ऐसा क्या जादू किया हुआ है तूने ,
तभी वो उसकी बातों को ध्यान न देकर अपने बच्चों पर ध्यान देती है , एक छोटे से ऑफिस में काम करते समय वो अपनी बातें अपनी एक सहेली को बताती है तभी वो उसे पढ़ने लिखने की सलाह देती है , और १० वी करने के बाद वो औरत एक अच्छी कंपनी में नौकरी करने लगती है , वो जितना बाहर अपनी जिम्मेदारियों के साथ अपना कर्म कर रही थी , वहीँ समाज की नजर में गलत करती थी उन्हें लगता क़ि बाहर जाती है तो कुछ गलत काम कर रही होगी , मुँह पर कपड़ा लगा लिया धुप से बचने के लिए तो लोग ऐसे घूरते हैं जैसे मुँह छुपा रही है लड़की , पति कमाता नहीं है और औरत घर से बाहर निकल रही है , हर बीमारी क़ि दवा है लेकिन शक की बीमारी की कोई दवा नहीं है ,
वो सबको अनदेखा करती क्यूंकि उसे अपने बच्चों के लिए अपने घर के लिए कुछ करना था , वो चाहती तो अपने बच्चों के साथ घर से जा सकती थी , लेकिन बचपन से उसे सिखाया गया था कि पति परमेश्वर होता है , और पति चाहे कुछ भी करे लेकिन परमेश्वर का दर्जा काम नहीं होता , इसलिए वो भी अपने कर्मो को धर्म के साथ निभा रही थी , और पति ने एक दिन उसके चहेरे पर सोते समय एसिड दाल दिया , और वो जोर से भागी तो उसके पति ने चाकू से उसे मारने की कोशिश की और ज्योति को कुछ नहीं सूझा बस वो अपनी बेटी को लेकर घर से भागी और डॉक्टर से कहा कि मेरा इलाज कीजिये , और डॉक्टर ने जल्दी से ज्योति का इलाज किया , तो डॉक्टर ने पूछा कि ये सब किसने किया और कैसे हुआ तभी ज्योति ने कहा कि मेरे पति ने मुझ पर एसिड डालकर मुझे मरने की कोशिश की तभी वहां पॉलिश आ गयी और जब पुलिस ने पूछा तो ज्योति ने कहा कि मुझे एसिड से कुछ साफ़ करना था और घर में छोटे बच्चे थे तभी में ऊपर से एसिड निकाल रही थी और मेरे मुहं पर गिर गया , तो पुलिस वहाँ से चली गयी और डॉक्टर ने बोला कि ज्योति तुमने झूट क्यों बोला , तभी ज्योति ने बताया कि उसने मेरे ऊपर बहुत से अत्याचार किये हैं लेकिन वो मेरा पति परमेश्वर है , मानती हूँ कि लड़की का कोई घर नहीं होता लेकिन बचपन से ही उसे सिखाया जाता है कि वो तुम्हारा पति परमेश्वर है अब वो चाहे कुछ भी करे तुम्हे उसी के साथ निभानी है , तभी उसका अचानक से अपने चहरे पर नजर जाती है और वो चिल्ला उठती है कि ये उसके पति ने क्या किया , वो अपना चेहरा छुपकर रखती है , एक दिन उसका पति घर से बाहर गया होता है और उसका एक्सीडेंट हो जाता है , उसके कमर की हड्डी टूट जाती है , और लड़के के घर वाले भी उसका साथ छोड़ देते हैं क्यूंकि वहां पर पैसा लगाना था , तभी ज्योति जो कमा रही थी अपने बच्चो के भविष्य के लिए उसने सोचा कि पैसा तो में और कमा लूंगी लेकिन पति को सही करना ज्यादा जरुरी है , तभी वो अपने पति का बजन ढ़ोते हुए उसे अस्पताल में भर्ती करवाया और उसके इलाज में जितना पैसा लगा वो सभी उसके इलाज में खर्च कर देती है , उस दिन उसके पति को उसकी एहमियत समझ आती है , और उसके हाथ जोड़कर माफी मांगता है और अपनी बेटियों को भी खूब पढ़ायेगा ये वादा करता है !!
#मेरीमुस्कान
एक औरत अगर वो भारतीय है तो अपने सभी कर्तव्य का पालन करती है , क्यूंकि बचपन से ही उसे सिखाया जाता है क़ि औरत को घर से ज्यादा बाहर नहीं रहना चाहिए , छोटे कपडे नहीं पहनना चाहिए ,ज्यादा पढ़ना लिखना ठीक नहीं है , करना तो चूल्हा चौका ही है , ये पराया धन है , ये घर उसका नहीं जहां भारत में ही रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरता थी , कल्पना चावला जैसी चाँद पर जाने का होंसला रखने वाली पहली महिला थी ,समाज सेवा करने वाली मदर टेरेसा थीं, वहीँ दूसरी और छोटी सोच रखने वाले महिलाओं को मारना पीटना और दबाकर रखना पुरानी परम्पराएँ निभाना , अगर औरत ने किसी आदमी से बात की तो उसके ऊपर तेजाब डालना , ताकि वो सुंदर न रहे और उसकी सुंदरता निकल जाने के बाद कोई आदमी उसे देखेगा नहीं , लेकिन तेजाब फेकने से औरत के इरादे कमजोर नहीं होंगे , जो शरीर की सुंदरता को देखकर उसकी सुंदरता बिगाड़ देते हैं , उनकी सोच समाज में रहने के लायक नहीं होते , अगर लक्ष्मी अग्रवाल भी अपने एसिड से जले हुए चेरे को देखकर घबरा जाती तो आज वो ये मुकाम न पाती , क्यूंकि उसके होंसले काम नहीं थे , उसे चिड़िया नहीं बाज बनना था ,
इसी तरह की सच्ची कहानी है एक और लड़की की जिसका नाम ज्योति था जब एक औरत अपने घर में होती है , बचपन से लेकर शादी तक कितनी ही मुश्किलों का सामना करती है , पहले लड़की पैदा हुई है अब तो शादी पर दहेज़ देना होगा , लड़का होता तो घर में बहु आती और दहेज़ लेकर आती , फिर जब मान की तबियत खराब होती है तो मान बेटे से कहती है मेरा सर दबा दे तो बेटा कहता है में खेलने जा रहा हूँ , और बेटी बिन बोले भी अपनी माँ का सर दबाने लगती है , और माँ की तबियत को देख ५ साल की उम्र में भी घर में झाड़ू और पोंछा लगाने लगती है , जब भाई को देख स्कूल जाते तो वो भी माँ से कहती है कि मुझे भी स्कूल जाना है और भैय्या की तरह पढ़ना है , वहाँ दादा कहते हैं कि क्या करेगी पढ़कर करना तो चूल्हा चौका ही है , कोनसा हमारे घर की है , बेटी तो परायी है , फिर भी जिद करके पापा से अपनी पढाई की मांग करती है , भाई की किताबें पढ़ लूंगी यही बस बात वो कहती है , और जिद करके वो आगे बढ़ती है , स्कूल से आकर घर का सारा काम वो करती है ताकि उसका स्कूल बंद न करवा दे इस बात से वो डरती है , माँ बाप की सेवा का हर पल ख्याल वो रखती है , समय के साथ बीत जाता है बचपन ,और किसी लड़के से बात करने पर घर में बवाल मचता है , अभी स्कूल पास भी नहीं किया कि रिश्ते देखना शुरू कर दिया , में पढ़ना चाहती हूँ कहते हुए उसकी शादी अपने से १४ साल बड़े आदमी से करदी जाती है , और सपने दिखाकर कि एक दिन तो सबकी शादी होती है और वो लड़का तुझे पढ़ायेगा , कहकर बंधन में बांध दिया जाता है , लड़की के भी सपने होते हैं ये कोई समझ नहीं पाता है , यहां आँखों में सपने लिए और माता पिता के मान के लिए समाज के लिए सब त्याग कर पत्नी होने का धर्म निभाती है , जिसे ये नहीं पता कि मिलन क्या होता है , उसका पति जो कि उससे १४ साल बढ़ा है उसके साथ जबरदस्ती प्यार प्यार कहकर में पति परमेश्वर हूँ कहकर उसके साथ रिश्ता बनाता है ,और उसका बलात्कार करता है , जब कभी कुछ चीजें दोनों की मर्जी से न हो तो वो सम्बन्ध बलात्कार कहलाता है , लड़की के साथ क्या हुआ उसे समझ नहीं आता , जब वो अपनी मम्मी से ये सारी बातें कहती है तो उसकी माँ ने कहा कि ऐसा सभी लड़कियों के साथ होता है और अब वो तुझे जैसा भी रखे वही तुम्हारा अपना है और वही तुम्हारा अपना घर है ,तभी उसे एक नाम और मिलता है जो की उसका पीटीआई का चुना हुआ होता है , वो ज्योति से लक्ष्मी बन जाती है , क्यूंकि उसके पति का दिया हुआ नाम वही है उसकी क्या पहचान रही , यहां सास भी ताने देती है अगर कोई गलती हो
हो जाये तो कि तेरी माँ ने कुछ सिखाया नहीं है , पता नहीं कहाँ से आ गयी है हमारे घर में , अपनी माँ से शिकायत करती है कि मेरी सास ने मुझे ऐसा बोलै तो माँ पापा सभी कहते है कि अब तुम परायी हो ये घर तुम्हारा नहीं वही तुम्हारा अपना घर है , घर वालों से उम्मीद ख़त्म कर जब वो अपने कदम आगे बढ़ाती है और पति से कहती है कि में पढ़ना चाहती हूँ तो वो अपनी पत्नी को मारता है ,और औरते पढ़कर क्या करेंगी कहकर उसे चुप करवा देता है , जब भी लड़ाई होती है हर बार लड़की को ये कहा जाता है कि ये तेरा घर नहीं है , मेरा घर है ज्यादा जुबान चलाई तो तेरे माँ बाप के घर भेज दूंगा , देखते ही देखते उसके २ बच्चे हो जाते हैं , और घर गृहस्थी को संभालना सीख गयी , सपने टूट चुके होते हैं और अब पति पीने भी लगता है , और हर बात पर हाथ उठाता है , कुछ बोलती है तो पति धमकी देता है मेरे घर से निकल जा , लड़की हमेशा यही सोचती है कि कोनसा घर मेरा है , माता पिता का या पति का , पति को रोज पीता देख झगड़ते देख बच्चों पर असर न हो उनकी पढाई पर असर न हो ये सोचकर वो अपनी पड़ोसन के साथ काम पर जाने लगती है , पर जो भी पैसा वो लेकर आती है उसका पति जुएं में उड़ाता है , और अब वो अपने पति की बातों का ख्याल न करके अपने बच्चों की पढाई के लिए पैसा जमा करती है , एक दिन उसके साथ एक लड़का उससे बात करता है वो भी उसके ऑफिस में काम करता है जो की बस इतना बताने आता है कि मैडम कल आपको जल्दी आना है , और वो कहती है कि हाँ में अपने सही समय पर पहुँच जाउंगी , तभी उसका पति वहाँ से गुजर रहा था और उसे देख लेता है हँसते हुए , और जब वो घर आती है तो उसे बोलता है कि बहुत आशिक बनाये हुए हैं तूने सब तेरी परवाह करते हैं , ऐसा क्या जादू किया हुआ है तूने ,
तभी वो उसकी बातों को ध्यान न देकर अपने बच्चों पर ध्यान देती है , एक छोटे से ऑफिस में काम करते समय वो अपनी बातें अपनी एक सहेली को बताती है तभी वो उसे पढ़ने लिखने की सलाह देती है , और १० वी करने के बाद वो औरत एक अच्छी कंपनी में नौकरी करने लगती है , वो जितना बाहर अपनी जिम्मेदारियों के साथ अपना कर्म कर रही थी , वहीँ समाज की नजर में गलत करती थी उन्हें लगता क़ि बाहर जाती है तो कुछ गलत काम कर रही होगी , मुँह पर कपड़ा लगा लिया धुप से बचने के लिए तो लोग ऐसे घूरते हैं जैसे मुँह छुपा रही है लड़की , पति कमाता नहीं है और औरत घर से बाहर निकल रही है , हर बीमारी क़ि दवा है लेकिन शक की बीमारी की कोई दवा नहीं है ,
वो सबको अनदेखा करती क्यूंकि उसे अपने बच्चों के लिए अपने घर के लिए कुछ करना था , वो चाहती तो अपने बच्चों के साथ घर से जा सकती थी , लेकिन बचपन से उसे सिखाया गया था कि पति परमेश्वर होता है , और पति चाहे कुछ भी करे लेकिन परमेश्वर का दर्जा काम नहीं होता , इसलिए वो भी अपने कर्मो को धर्म के साथ निभा रही थी , और पति ने एक दिन उसके चहेरे पर सोते समय एसिड दाल दिया , और वो जोर से भागी तो उसके पति ने चाकू से उसे मारने की कोशिश की और ज्योति को कुछ नहीं सूझा बस वो अपनी बेटी को लेकर घर से भागी और डॉक्टर से कहा कि मेरा इलाज कीजिये , और डॉक्टर ने जल्दी से ज्योति का इलाज किया , तो डॉक्टर ने पूछा कि ये सब किसने किया और कैसे हुआ तभी ज्योति ने कहा कि मेरे पति ने मुझ पर एसिड डालकर मुझे मरने की कोशिश की तभी वहां पॉलिश आ गयी और जब पुलिस ने पूछा तो ज्योति ने कहा कि मुझे एसिड से कुछ साफ़ करना था और घर में छोटे बच्चे थे तभी में ऊपर से एसिड निकाल रही थी और मेरे मुहं पर गिर गया , तो पुलिस वहाँ से चली गयी और डॉक्टर ने बोला कि ज्योति तुमने झूट क्यों बोला , तभी ज्योति ने बताया कि उसने मेरे ऊपर बहुत से अत्याचार किये हैं लेकिन वो मेरा पति परमेश्वर है , मानती हूँ कि लड़की का कोई घर नहीं होता लेकिन बचपन से ही उसे सिखाया जाता है कि वो तुम्हारा पति परमेश्वर है अब वो चाहे कुछ भी करे तुम्हे उसी के साथ निभानी है , तभी उसका अचानक से अपने चहरे पर नजर जाती है और वो चिल्ला उठती है कि ये उसके पति ने क्या किया , वो अपना चेहरा छुपकर रखती है , एक दिन उसका पति घर से बाहर गया होता है और उसका एक्सीडेंट हो जाता है , उसके कमर की हड्डी टूट जाती है , और लड़के के घर वाले भी उसका साथ छोड़ देते हैं क्यूंकि वहां पर पैसा लगाना था , तभी ज्योति जो कमा रही थी अपने बच्चो के भविष्य के लिए उसने सोचा कि पैसा तो में और कमा लूंगी लेकिन पति को सही करना ज्यादा जरुरी है , तभी वो अपने पति का बजन ढ़ोते हुए उसे अस्पताल में भर्ती करवाया और उसके इलाज में जितना पैसा लगा वो सभी उसके इलाज में खर्च कर देती है , उस दिन उसके पति को उसकी एहमियत समझ आती है , और उसके हाथ जोड़कर माफी मांगता है और अपनी बेटियों को भी खूब पढ़ायेगा ये वादा करता है !!
#मेरीमुस्कान
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