यादों का बहाना।।
देखा उन्हें तो दिल मे ये ख्याल आया था,
कि जीना उन्हें भी था,
मरना मुझे भी था,
हंसना उनके नसीब में था,
उनके बिना रोना मुझे भी था,
उनको दूर जाना भी था,
ओर मेरे पास आने का बहाना भी था,
यादों का आशियाना उन्हें बनाना भी था,
ओर उन यादों की आदत बनाकर रहना मुझे ही था,
ख्वाबों की ऊंचाइयों को छूना उन्हें भी था,
ओर उन खुआबो को पूरा करने के लिए
साथ उनके जागना मुझे भी था,
खट्टे मीठे पलों में मुस्कुराना उन्हें भी था,
उनकी मुस्कान को देखकर मुस्काना मुझे भी था,
उनकी मुस्कान का एक बहाना में भी थी,
यूं तो ज़िन्दगी के सफर में दिन कट रहे है,
रातें बीत रही है,
हवा के झोंके से टकराना उन्हें भी था,
उस हवा में खो जाना मुझे भी था।।
उन्हें पास आकर दूर जाना ही था,
Post a Comment