ख्वाबों का बसेरा।।

चलो फिर से ले चलो मुझे उस दुनिया मे, जहां प्यार ही प्यार था, 
जहां शिकायत नही , बस एक दूसरे पर एतबार था,
जिसमे तुम्हे मेरा ,ओर मुझे सिर्फ तुम्हारा इंतज़ार था,,
चलो चलते है इस निर्दयी दुनिया से दूर यहां कोई नही मेरा,
इस दुनिया की भीड़ में बहुत अकेली हूँ।।
पर तुम्हारी उस दुनिया मे, तुम ही मेरी दुनिया हो।।
चलो फिर खो जाए उन सपनों में,
फिर एक आशियाना सजाते है।
जहां लोग दर्द नही देते,
बस मुस्कुराते है,
चलो फिर में रूस जाऊंगी ओर तुम मुझे सोना कह कर पुकारना,
मेरे लिए गाने गाकर फिर मुझे मनाना।।
चलो फिर घूम कर आते है उस पिकनिक में, जहां मुझे जलाने के लिए थामकर मेरी सहेली का हाथ तुम मुस्कुराते,
ओर में दूर जाती तो पीछे से हाथ मेरा थामकर मुझे अपने पास बुलाते।।
चलो फिर चलते है मंदिर की उन सीढ़ियों पर बैठकर बाते करते है, 
तुम थाम कर हाथ मेरा, ओर हम एक दूजे में मुस्कुराते है।।
आओ चलो फिर से अपनी बहारो की दुनिया मे घूम कर आते है।।
तुम मेरा इंतज़ार करते,ओर में देर से आती, जब वो आइस क्रीम पिघल जाती, ओर तुम्हारा चेहरा उतर जाता।।
में तुमको मनाती ,ओर तुम मेरी एक मुस्कुराहट पर मान जाते।।
चलो फिर उन रातो को गुनगुनाते है,
जब चांद को देख कर उससे बाते किया करते,उसकी चांदनी को एक दूजे में महसूस किया करते।।
ले चलो मुझे फिर उस दुनिया मे,
जहां परछाई को देखकर कह दिया करते थे, दो जिस्म ओर एक जान।।
ले चलो उस दुनिया मे जहां तुम्हारी मदद करने पर पेसो की कीमत नही मेरे शब्दों की कीमत को समझते थे।।
चलो फिर खो जाए उन सपनों में जब हम घंटो बाते किया करते,
एक दूजे के बिन एक लम्हा भी न जिया करते।।
चलो फिर भीग जाए उन बारिश में जब तुम चुप रहकर खामोशी से मुझे सुना करते,
ओर मेरे मन की हर बात को तुम पढा करते।।
चलो फिर से उस चर्च चलते , जिसमे तुमने मेरे लिए खुशियां मांगी थी।।
मेरे झोली में खुशियों की बहार मांगी थी।।
आओ फिर खो जाए उस दुनिया मे, जंहा हमारे शब्दों की एहमियत थी।।
तुम हस कर कुछ कहते ओर में शरमाकर तुम्हारे गले लग जाती।।
चलो फिर चलते है उस दुनिया मे जहां सिर्फ प्यार ही प्यार बहता है,
आंखों से होकर दिल मे उतरता है,सपनो सी दुनिया है।।
जिसे हर कोई नही समझता है।।
चलो खो जाए उस खुआब मे जहां कोई अपने प्यार का मजाक न बनाये, कोई किसी के दिल के साथ न खेले,जहां तकलीफ दोनों को हो,प्रेम दोनों में हो।।
सबर दोनों में हो, इंतज़ार दोनों में हो।।
आओ फिर घूम आते है अपनी प्रेम की नगरी में।।

आओ फिर घूम आते है अपनी प्रेम की नगरी में।।

#सोमी

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