पानी पानी सा इश्क़

कभी कभी ज़िन्दगी ऐसे खेल खेलती है कि हमे समझ नहीं आता की हम क्या करे और क्या नहीं , जब आगे पीछे कोई न हो देखने वाला या समझने वाला
तो इंसान अंदर से बहुत टूट जाता है ,पर ज़िन्दगी इम्तेहान लेती है और हम उस इम्तेहान के रास्ते पर चलने लगते है ,
इसी तरह से थी कुछ अनमोल की ज़िन्दगी ,जब पिछले साल उसके मम्मी पापा का एक्सीडेंट एक हादसे में हो गया था , उसके बाद वो बिलकुल ही अकेला हो गया था , ज्यादातर वो अपने ऑफिस में काम में बिजी रहता था क्यूंकि घर जाकर भी वो क्या करता , आगे पीछे कोई था भी तो नहीं जो घर पर उसका इंतज़ार करता , तो ऑफिस में सबके चले जाने के बाद भी वो अपना ज्यादातर समय ऑफिस में spend करता , और इतना काम करता था कि घर जाते ही सीधे बिस्तर पर जाते ही उसे नींद आ जाये , ज्यादा सोचने का मौका ही न मिले , ऐसे ही दिन कट रहे थे उसके , पर ऐसा कब तक रहता , दूर की एक मौसी थी जो कि अनमोल के लिए शादी के रिश्ते लेकर आया करती थी , अनमोल का शादी का कोई इरादा नहीं था पर वो ३१ का हो चुका था , तो उसने भी मना नहीं किया मौसी के कहने पर , वो एक दिन पहले ही सलून जाकर अपनी दाढ़ी और सब set करवा कर आया था और दूसरे दिन फॉर्मल में लड़की के घर गया , उसके सामने एक लड़की बैठी थी लड़की का नाम संजीदा था , और अनमोल ने एक नजर संजीदा को देखा , वो खूबसूरत थी , हल्के गुलाबी रंग का सूट पहने हुए , हाथो में २ से ४ bangales और लम्बे लम्बे earing पहने हुए ,बाल खुले हुए , और माथे पर हल्की छोटी काले रंग की बिंदी जो उसके चहरे की रौनक बढ़ा रही थी ,अनमोल को लड़की पसंद थी , अनमोल की मौसी ने कहा की देख ले अनमोल इतनी जल्दी नहीं है तू सोच कर मुझे जवाब देना , यूँ तो सब कुछ सही था , संजीदा अनमोल को बहुत
अच्छी लगी, वो यही सोच रहा था कि क्या संजीदा को में पसंद आया या नहीं , कही उसके ऊपर कोई दवाब तो नहीं , अनमोल को सबसे ज्यादा एक ही बात सता रही थी , age diffrent संजीदा २५ साल की थी और अनमोल ३१ का पूरे ६ साल का फर्क , जैसे तैसे दोनों की तरफ से हाँ हो गयी थी , और शादी भी हो गयी थी ,मौसी ने नई दुल्हन क स्वागत किया और सारे रस्मो रिवाजों को पूरा किया , उसके बाद दोनों ही कमरे में आ गए , अनमोल ने संजीदा से बात करने की कोशिस की , पर संजीदा ने कुछ नहीं कहा और वो जाकर आयने के सामने बैठ गई , और अपनी जूलरी उतारने लगी , अनमोल को थोड़ा सा अजीब तो लगा पर उसने सोच की अभी अभी new married हुई है तो अपने परिवार को मिस कर रही होगी , अनमोल ने संजीदा से कहा की सुनो , तुम वहाँ bed पर सो जाना और में बाहर hall में सो जाऊंगा , वैसे तो संजीदा कई बहाने ढूंढ कर आयी थी , क़ि में कहूँगी क़ि मेरी तबियत खराब है , या मुझे बहुत नींद आ रही है , ऐसे सारी फिल्मो के डायलॉग सोच कर आयी थी , पर उसे कुछ बोलने की जरुरत ही नहीं पडी , पिताजी ने कहा था क़ि अनमोल बहुत अच्छा लड़का है , पिताजी सही कहते है , संजीदा ने अनमोल को कहा कि आज की रात भी आप बाहर सोयेंगे , ऐसा क्यों , वैसे तो अनमोल ज्यादा नहीं बोलता था , न ही उसके कोई दोस्त रहे थे पहले , पर ना जाने क्यों अनमोल को ये पल अच्छे लग रहे थे , अनमोल ने कहा कि हाँ ठीक है पहले एक दूसरे को जान लेते है , समझ लेते है, दोस्त बन जाए , उसके बाद पति पत्नी वाला रिश्ता भी निभा लेंगे , वो मुस्कुरा कर बाहर चला गया , यहां संजीदा उदास होकर सोचने लगी ,सोचने लगी अपना past एक ऐसा past जो कि उसने कभी सोचा भी नहीं था कि वो कभी ऐसा दिन भी देखेगी , उसका past था रजित जो कि उसका पहला प्यार था , संजीदा ने कभी नहीं सोचा था कि उसे कभी रजित से अलग होंना पड़ेगा ,याद है उसे वो सारे पल जो संजीदा ने रजित के साथ बीताए थे ,एक साथ हंसना , एक साथ घूमना , picture जाना ,एक दूसरे का इंतज़ार करना , रोज पार्क के पास जहां एक बहुत प्यारी नदी थी नदी के पास जाकर बैठना ,और पापा के कानो तक उनके प्यार की खबर पड़ते ही पापा ने कितना गुस्स्सा किया था ,की ड्राइवर है , कितन कमाता है , उससे शादी करोगी , तुम्हारे भाई बहन का क्या होगा ,बहुत गुस्सा किया था ,वो सारे पल उसे उस रात याद आ रहे थे ,रात का एक एक पल गुजर रहा था और संजीदा को कहाँ नींद आने वाली थी , बस आँखो से आंसू बह रहे थे , जो रोकने से भी नहीं रुक रहे थे ,वो सोच रही थी जब शादी से एक दिन पहले रजित से आखरी बार मिलने गयी थी ,और रजित से बोला था कि मै कैसे रहूंगी तुम्हारे बिन , चलो आप मेरे पापा से बात करलो , पर रजित ने कहा कि संजीदा यही हमारी किस्मत है तुम शादी करलो , कुछ महीने बीत जायेंगे तो सब भूल जायेंगे , तुम शादी करलो , संजीदा ने कहा कि प्यार तुमसे करू और शादी किसी और से मेरा दिल नहीं मानता , रजित ने कहा कि ठीक है फिर भाग चलते है कहीं दूर , हाँ या नहीं , संजीदा ने कहा की नहीं में ऐसा नहीं कर सकती , और रोते हुए वहाँ से चली गयी !!
अगले दिन जब अनमोल जो इस शादी से बहुत खुश था मसूरी का प्लान बना , संजीदा का बिलकुल भी मन नहीं था पर क्या करती शादी की थी निभानी पड़ेगी , अनमोल संजीदा से कहत है क वहां ठंड होगी गर्म कपडे रखे है या नहीं , कुछ हम वहीँ से खरीद लेंगे , संजीदा हाँ में सर हिलाती है ,और तभी बारिश सुरु हो जाती है , संजीदा को बारिश पसंद थी , तो वो गाडी में से अपना हाथ बहार निकलती है और अपने सर को भी गाडी से थोड़ा बहार करती यही अनमोल उसके इस बचपने को देखकर खुश होता है ,और संजीदा से बोलता है कि बारिश पसंद है क्या तुम्हे संजीदा हंस कर कहती है बहुत ज्यादा ,एक दुकान पर गाडी रुकी और अनमोल ने संजीदा से कहा कि तुम रुको में चाय लेकर आता हूँ , तुम इतने अपने मम्मी पापा से बात करलो , तभी अनमोल कार से बाहर निकला और संजीदा ने फ़ोन लेकर थोड़ी देर फ़ोन की तरफ देखा और घर बात करने का मन भी नहीं था , उसने रजित का नंबर मिलाया फ़ोन बंद आ रहा था , संजीदा ने फिर मिलाया तब भी फ़ोन बंद आ रहा था ,अब अनमोल को दिखाने के लिए संजीदा ने अपनी छोटी बहन को फ़ोन मिलाया ,हां छोटी दीदी बोल रही हूँ , कैसी हो तुम , हाँ दीदी में ठीक हूँ घर में भी सब ठीक है ,लो पापा से बात करो , हाँ संजीदा पहुँच गए क्या तुम लोग , नहीं पापा अभी रस्ते में हु , अच्छा अनमोल आस पास है क्या , नहीं संजीदा ने कहा , पापा ने कहा कि बेटा अनमोल बहुत अच्छे इंसान है तुम्हारा ख्याल रखेंगे , कभी उनका दिल मत दुखाना , past को भूल जाओ अब अपनी ज़िन्दगी अब नए सिरे से शुरू करो , ठीक है पापा संजीदा सारी बाते सुनती है , और फोन रख देती है !!
तभी अनमोल आता है और कहता है कि अब बात हो गयी घर वालों से खुश हो तुम अब , संजीदा खुश न होकर भी अपना सर हिला देती है !!
दोनों मसूरी पहुँच जाते है , पूरा ख्याल रखने लगी है संजीदा अनमोल का, रोजमर्रा के सारे काम करती है फर्ज निभाती है ,खाना खाया कि नहीं सब फ़ोन करके पूछती है , घर कब तक आओगे सब , अनमोल भी उसे मसूरी में घूमने ले जाता है , movie ,park हर जगह ले जाता है , दोनों के बीच भी बहुत करीबी बढ़ने लगी है , दोनों ही एक दूसरे को समझने लगे है , अनमोल बहुत खुश है ,शायद उसे इश्क़ हो गया था , रोज मुस्कुराता था , संजीदा के साथ ,अब दोनों मसूरी से घर लौट आये थे , अब सब कुछ अच्छा चल रहा था , एक दिन अनमोल कहता है कि मुझे काम के लिए दिल्ली से बाहर जाना है , तीन या चार दिन लग जायेंगे , तब तक तुम अपने मायके घूम आओ तुम्हारा भी मन लग जायेगा , आते टाइम में तुम्हे वहां से लेने आ जाऊंगा , संजीदा मान जाती है ,अनमोल अपने काम से गया हुआ था , और संजीदा अपने घर पर एक दिन सब बाहर गए थे , और अनमोल से बात करके फ़ोन रखा ही था कि दरवाजे पर दस्तक हुई संजीदा को लगा कि उसकी छोटी बहन या सदस्य होगा ,वो दरवाजा खोलती है , और देखती है कि रजित सामने खड़ा है , और संजीदा से कहता है कि माँ को मंदिर जाते देखा तो में तुमसे मिलने आ गया , पापा दुकान पर गए थे , छोटी collage गयी थी और भाई दोस्तों के साथ movie गया था तो संजीदा के अलावा कोई भी नहीं था घर में ,जैसे ही रजित अंदर आता है ,और संजीदा कहती है कि तुम क्यों आये हो
कोई देखेगा तो क्या सोचेगा , रजित कहता है कि में तुम्हारा शाम को नदी के पास इंतज़ार करूंगा बहुत जरुरी बात करनी है , संजीदा मना करती है , पर शाम को उससे मिलने जाती है , संजीदा कहने आती है कि अब हमारा कुछ रिस्ता नहीं है तुम भूल जाओ मुझे , रजित कहता है कि अब तुम अनमोल को तलाक देदो मेने लोन लिया है दो taxy खरीद लूंगा फिर अपना काम चलेगा , संजीदा मना करती है , पर रजित नहीं मानता ,कहता है कि कुछ महीने और गुजारो , अपने पति के साथ में तुमसे मिलने आया करूंगा , दूसरे दिन संजीदा अपने पति के घर आ जाती है , अनमोल सुबह उठता है , और किचन की और जाता है , उसके कानो में गाने की आवाज गूंजती है , जो कि संजीदा गुनगुना रही है , इतने महीनो में संजीदा पहली बार दिल से खुश थी , अनमोल उसे पूछता है क्या बात है संजीदा बड़ी खुश नजर आ रही हो , ऐसा क्या हुआ मायके में , संजीदा शर्मा कर वहां से चली जाती है ,एक दिन अनमोल ऑफिस से आते समय संजीदा के लिए मोगरे के फूलो का गजरा और खाने के लिए लेकर आता है और सोचता है कि आज संजीदा को कहीं बाहर लेकर जाऊंगा , वो भी घर में बैठी बैठी परेशान हो जाती होगी ,अनमोल घर पहुँचता है , तो रूम में से संजीदा के हंसने की आवाज आती है , और वो थोड़ा आगे बढ़ता है , अब उसे लड़के की आवाज आती है , जो संजीदा से कहता है कि तुम अनमोल को तलाक देदो अब में तुम्हे भगा कर शादी कर लूंगा , ये सुनते ही अनमोल के हाथों से मोगरे के गजरे , और खाने की चीजे गिर जाती है , पैरों से जमीन जैसे खिसक गयी हो !!
अगली सुबह जब वो संजीदा को देखता है तो अब उसकी आँखों में संजीदा के लिए प्यार नहीं है , नफरत सी होने लगी है उससे , एक भरोसा जो छन से बिखर गया है , जो इश्क़ था वो पानी पानी हो गया है !!
अब आगे रिस्ता निभाया ही नहीं जा रहा था ,अनमोल संजीदा से कहता है कि में तुम्हे तलाक दे दूंगा , तुम रजित के पास चली जाओ , में मसूरी चला जाऊंगा ,फ़ोन करो उसे और पूछो कहा है कब शादी करेगा तुमसे , तुम कल ही उसके पास चले जाना ,संजीदा कुछ नहीं कहती और अपना बैग pack करने लगती है !! अगली सुबह बिना बताये संजीदा रजित के पास चली जाती है !!
उसी शाम जब अनमोल घर आता है तो उसे फिर से चूड़ियों की खनक मिलती है , वो अंदर आता है , और संजीदा से कहता है तुम वापस क्यों आ गयी , क्या रह गया है अब यहां , संजीदा कहती है कि शादी कर रहा है रजित अगले महीने मुझसे नहीं किसी और से , कह रहा था कि माँ ने लड़की देखी है !!
अनमोल फिर अब क्या करोगी , संजीदा अंदर से जो टूट चुकी है हल्के से मुस्कुरा कर कहती है कि क्या करूंगी अब तुम्हारे साथ मसूरी चलूंगी , और क्या !!
अनमोल क्या कहता वो चुप हो गया ,अब भी वो उसे बहुत प्यार करता है , पर मन नहीं मानता उसका पहले की तरह अब वो खुश भी नहीं था संजीदा के साथ , एक दिन संजीदा बेहोश हो जाती है और पता चलता है कि वो pregnant है !!
अनमोल उसका ख्याल रखता है अपने फर्ज निभाता है सात महीने की बच्ची को जन्म देते ही डॉक्टर कहते है कि संजीदा बहुत कमजोर है ,last stage है ,तभी अनमोल जिसने कभी किसी का बुरा नहीं किया , सब कुछ छिनता गया उससे अब ये डोर भी छूट रही थी उसके हाथो से ,आखरी कुछ लम्हों में संजीदा उसे कहती है कि मेने एक गलत इंसान से प्यार किया , ये मेरी ज़िन्दगी की भूल है , में आपको कभी समझ नहीं पायी पर मुझे माफ़ कर देना !!
अनमोल संजीदा से कहता है क़ि में आज भी तुमसे बहुत प्यार करता हु , क्या ये बच्चा मेरा है , पर नहीं वो रजित की बेटी थी !! पर संजीदा की भी तो बेटी है वो रजित के मन में संजीदा के लिए कोई सिकवा नहीं था !! उसकी क्या गलती थी धोखा तो उसको रजित ने दिया था, जब एक बार चला गया था उसकी ज़िंदगी से फिर क्यों वापस आया था , उस बेचारी की क्या गलती प्यार तो उसे भी नहीं मिला !!
आखरी समय में संजीदा अनमोल के सीने पर सर रखकर कहती है कि अनमोल में भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ पर अब तुम्हारा साथ नहीं निभा पाउंगी ,मुझे माफ़ कर देना और अनमोल के सीने पर सर रखकर संजीदा हमेशा के लिए सो गयी थी !!
अनमोल रोने लगता है और अपनी नन्ही सी संजीदा को गले से लगाए रोता है !!
ये उसका पानी पानी सा इश्क़

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#सोमी

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