ज़िन्दगी तो एक जैसी है !!!
ज़िन्दगी तो एक जैसी है !!!
सोच कर देखा कि जिंदगी केसी है।
जब जाना उसे तो पता लगा कि सबकी ज़िन्दगी एक ही जैसी है हर कोई दौड़ ही रहा है।
कुछ पाने को।अब इसमें बात क्या है छुपाने को।
हां ज़िन्दगी ऐसी है।
कितने ही सपने बुनते है।कितने ही ज़ख्म उभरते है।।
फिर भी मजा आता है।।
हस कर टाल दे रहे हो जैसे।।
कितने ही सपने बुनते है।
कितने ही ज़ख्म उभरते है।।
आँखों के सामने कितना कुछ होता हम देखते है
किसी को खुश तो किसी को रोते हुए देखते है !!
फिर भी मजा आता है।।
हस कर टाल दे रहे हो जैसे।।
अपनी मंज़िल को पाने का चस्का है और एक दिन मिटटी में मिल जाना है सब छोड़ कर
यहाँ पता नहीं कौन अपना है कौन आता है कब चला जाता है
पता ही नहीं चलता है
बहुत देखा बहुत लोगो को जाना और देखा की कुछ अलग निकल कर आये
तब पता लगा की जिंदगी कुछ अलग नहीं किसी की किसी से जिंदगी तो एक जैसी है !!
जब कुरेद कर देखा बचपन जवानी बुढ़ापे को तो सबसे प्यारा बचपन था हमारा।।
न कोई सिकवा था न कोई शिकायत।बस था तो एक दूसरे से रूठ जाना फिर लालच देकर फिरसे दोस्त बन जाना।।
बस था अपनों का सहारा !!
न कोई था रिस्ता निभाना
न कोई दर्द छुपाना
बस आँखों में आंसू लिए रोते रोते सब कुछ कह जाना !!
सोच कर देखा कि जिंदगी केसी है।
जब जाना उसे तो पता लगा कि सबकी ज़िन्दगी एक ही जैसी है!!
सोमी
सोच कर देखा कि जिंदगी केसी है।
जब जाना उसे तो पता लगा कि सबकी ज़िन्दगी एक ही जैसी है हर कोई दौड़ ही रहा है।
कुछ पाने को।अब इसमें बात क्या है छुपाने को।
हां ज़िन्दगी ऐसी है।
कितने ही सपने बुनते है।कितने ही ज़ख्म उभरते है।।
फिर भी मजा आता है।।
हस कर टाल दे रहे हो जैसे।।
कितने ही सपने बुनते है।
कितने ही ज़ख्म उभरते है।।
आँखों के सामने कितना कुछ होता हम देखते है
किसी को खुश तो किसी को रोते हुए देखते है !!
फिर भी मजा आता है।।
हस कर टाल दे रहे हो जैसे।।
अपनी मंज़िल को पाने का चस्का है और एक दिन मिटटी में मिल जाना है सब छोड़ कर
यहाँ पता नहीं कौन अपना है कौन आता है कब चला जाता है
पता ही नहीं चलता है
बहुत देखा बहुत लोगो को जाना और देखा की कुछ अलग निकल कर आये
तब पता लगा की जिंदगी कुछ अलग नहीं किसी की किसी से जिंदगी तो एक जैसी है !!
जब कुरेद कर देखा बचपन जवानी बुढ़ापे को तो सबसे प्यारा बचपन था हमारा।।
न कोई सिकवा था न कोई शिकायत।बस था तो एक दूसरे से रूठ जाना फिर लालच देकर फिरसे दोस्त बन जाना।।
बस था अपनों का सहारा !!
न कोई था रिस्ता निभाना
न कोई दर्द छुपाना
बस आँखों में आंसू लिए रोते रोते सब कुछ कह जाना !!
सोच कर देखा कि जिंदगी केसी है।
जब जाना उसे तो पता लगा कि सबकी ज़िन्दगी एक ही जैसी है!!
सोमी
Hi
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