मेरी खामोशी
मेरी खामोशी में शोर भी है सन्नाटा भी
तुमने देखा ही नही।
आंखों में कुछ और भी है ।
तुमने पहचाना ही नही।।
आंखों में कुछ और भी है ।
तुमने पहचाना ही नही।।
मेरी मोहब्बत में याद भी है इजहार भी
तुमने दिया कोई इशारा ही नही ।।
मेरी खामोशी में इशारा भी है।
प्यार भी
प्यार भी
तुमने पुकारा ही नही।।
में तुम्हारी राह भी हु तुम्हारी मंज़िल भी
तुमने ख़्वाबों को देखा ही नही।।
में तुम्हारी चाहत भी हु तुम्हारी हमसफर भी
तुमने देखा ही नही।।
मेरी खामोशी में शोर भी है सन्नाटा भी
सोमी
मेरी खामोशी में शोर भी है सन्नाटा भी
तुमने देखा ही नही।
आंखों में कुछ और भी है ।
तुमने पहचाना ही नही।।
आंखों में कुछ और भी है ।
तुमने पहचाना ही नही।।
सोमी
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