वो सर्द हवाएं


                       रात भर सर्द हवाएं चलती रही
                     तुम सोच भी नहीं सकते में बस तुम्हे याद करती रही
                                               वो लम्हे बहुत हसीं थे वो रात बहुत सुहानी थी
                           ये पल ये लम्हे बस यही रुक जाये
                                                     बस में यही आस करती रही !! 
                                
काश तुम होते यहाँ हम तुम्हे देखते तुम हमे देखते
 बस यही में रब से फरियाद करती रही !!

कुछ तो खास था उस रात में जो बस सपने की याद में
एक खास सी मुलाकात में !!
जिस चाहत के लिए में दिन और रात तरसती रही !!

अँधेरी रात थी
आँखो में नमी थी
ऊपर से ये बारिश पूरी रात बरसती रही !!
 
लग रहा था जैसे साजिश हो कोई खुदा की
ये सर्द हवाएं चलती रही
अँधेरी रात में पूरी रात ये बारिश बरसती रही

कानो में आकर ये हवाएं कुछ कह रही हो जैसे
हवाओं का रुख भी इशारा दे रहा हो जैसे
 तुम बोल रहे हो कुछ  और में बस आपको ही                                                                             सुनती रही !!
आँखों में सपने सजते रहे
लबो पर हसी खिलती रही
 
रात भर सर्द हवाएं चलती रही
तुम सोच भी नहीं सकते में बस तुम्हे याद करती रही !!

सोमी 








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