कैसा है इश्क़

जब तुमसे मोहब्बत की थी न मेने
तब न तुमने मुझे बताया और न मुझे ये दुनियादारी की खबर थी,
मुझे तो बस उस वक़्त तेरे प्यार की कदर थी ,
नहीं जानती थी , कि हमारे इश्क़ को तुम दुनिया के हिसाब से चलाओगे
तुम मुझे नहीं , इस दुनिया को अपनाओगे
में तो बस तुम्हे जानती थी , बस तुम्हारे इश्क़ को पहचानती थी दुनिया को नहीं, में तो तुम्हे अपनी दुनिया मानती थी !!

नहीं जानती में कि क्या चाहिए तुम्हे
अगर तुम्हे एक सीधी सदी लड़की चाहिए
तो में किसी गलत घर से नहीं , मेरा परिवार गलत नहीं
में तुम्हारे घरवालों की सेवा भी कर लुंगी ,
आपके साथ हर हाल में रह लूंगी
अगर तुम नहीं तो में नहीं ,
अगर तुम्हे एक नौकरी वाली लड़की चाहिए
तो में नौकरी करती हूँ , अपने घर को संभालती हूँ
तुम्हारे घर को अपना बनाकर सब को साथ रख लूंगी
तुम्हे कभी अकेला न छोडूंगी
तुम्हारे कदमो के साथ चलूंगी ,
बस तुम साथ दो , तुमको बनाकर दिया
में तुम्हारी बाती बनकर जलूँगी !!
अगला जनम
चलो मान लिया इस जनम में तुम पर बहुत पहरे हैं
इस दुनिया में वक़्त के साथ बदलते चेहरे हैं
चलो मान लिया फुर्सत नहीं तुम्हारे पास मेरे लिए
मान लिया वक़्त नहीं तुम्हारे पास ,
तुम्हे फर्ज निभाना है , अपने माता पिता की सेवा करनी है

तुम्हे अपने माता पिता की मर्जी से शादी करनी है
अपना घर बसाना है ,
मान लिया तुम्हे तुम्हारे घर में तुम्हारे ही धर्म की बहु लेकर आनी है
मान लिया तुम्हे अपने सपने पूरे करने है ,
मान लिया इस जनम में तुम मेरे नहीं
चलो कोई बात नहीं हम अगले जनम में मिलेंगे !!
Somi
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