तन्हा सा इश्क़ पार्ट ३
एक दिन जब सोनी
ऑफिस में काम कर रही थी , तभी उसके पास एक फ़ोन आया और जैसे ही फ़ोन उठाया उसको एक आवाज
जानी पहचानी सी लगी , हाँ ये आवाज थी रवि की माँ कि एक पल को तो मन किया कि उनका फ़ोन
कट करदु , क्यों फ़ोन कर रहीं है वो मुझे सोनि
ने कहा , सोनी ने उनसे कहा हाँ जी आंटी जी कैसी हो आप और में आपके लिए क्या कर सकती
हूँ , रवि की माँ ने कहा कि बेटा तुम बहुत आगे निकल चुकी हो , में तुम्हारे लिए बहुत
खुश हूँ , पर दुखी भी हूँ इस बात से कि मेरे बेटे ने तुम्हारी कदर नहीं की!
बेटा में तुमसे
एक मदद चाहती हूँ ,मेरे बेटे को शायद तुम ही समझा सकती हो , उसकी शादी हुई थी पर उसकी
वाइफ उसे छोड़ कर चली गयी तलाक हो गया उसका अब वो भटक गया है बस तुम्हारी ही बातें करता
है ,सोनी ने कहा ठीक है आंटी में देखती हूँ , सोनी पहले की बातें याद करने लगी जब रवि
उसे छोड़कर चला गया था , बिना वजह के कितना तड़पी थी में , कितना दर्द सहा था मेने ,
अब उसकी माँ ने मुझे फ़ोन क्यों किया , में भुला चुकी थी उसे , नफरत करती हूँ उससे यही
सब सोचते हुए जब में घर पर जा रही थी तो अचानक से कोई आदमी मेरी गाडी के सामने आया
मेने देखा और वो गिरा पड़ा था ,मेने उसे उतर कर देखा और कहा कि जब खुदको संभाल नहीं
सकते तो इतना पीते क्यों हो , उसने मुझे मुड़कर देखा तो में हैरान हो गयी , वो रवि था
जो शराब पीकर सड़क पर चल रहा था , उसने मुझे देखा और बड़बड़ाने लगा बोला कि माँ बार बार
ताने देती है , बीबी छोड़ गयी , जिसने चाहा था मुझे मेने कदर नहीं की, हर चीज में फ़ैल
होता गया , में किसी के लायक नहीं !!
तभी मेने उसे
बोला चलो में तुम्हे घर छोड़ देती हूँ , वो गाड़ी में बैठ गया , वो गाडी चलाते हुए वही
पहले की बातें याद कर रही थी , रवि भी उसे देख रहा था और कहने लगा कि तुम अफसर बन गयी
हो , मेने कहा हाँ बन गयी हूँ , और तुम ने शादी कब की , मन में तो आया था कि इससे पुछु
कि क्यों चले गए थे मुझे छोड़कर , क्यों की शादी किसी और से , तुम्हे एक बार भी मेरा
ख्याल नहीं आया , पर में चुप रही , पहले की तरह शांत थी में, आज भी , समझ नहीं आ रहा
था , कि उस पर दया दिखाऊ , या नफरत करू उससे , में शांत रही मन में बस यही चल रहा था
,
ख़ामोशी का अपना
मजा है ,
पेड़ों की जड़
फड़फड़ाया नहीं करती ,
यादों के पहरे
बहुत है ,
पर अब में आजमाया
नहीं करती !!
बहुत खेला है
तुमने मेरे दिल से ,
पर अब में तेरे
लिए अपने दिल को बहलाया नहीं करती !!
और उसका घर आते ही उसे घर छोड़ दिया , रवि ने जैसे
ही घर में प्रवेश किया सामने से माँ की आवाज आयी , आ गया फिर से पीकर , क्या हालत कर
ली है अपनी तूने , बिलकुल नहीं सुनता किसी की , तभी रवि ने माँ का हाथ पकड़ा और बोला
की माँ आज वो मिली थी , सोनी बहुत बड़ी अफसर बन गयी है ,
दूसरे दिन जब
माँ ने सोनी को फ़ोन करके घर बुलाया , तो रवि अपने कमरे में बैठ कर शराब पी रहा था
, और सोनी उसके पास जाकर उसका ग्लास छीन कर बोली , बस करो रवि क्या हो गया है तुम्हे
, क्यों अपने आप को खत्म करने पर तुले हो , क्या हो गया है तुम्हे तुम तो ऐसे नहीं थे , कितना पढ़ते थे ,फिर क्या हो
गया तुम्हे , वो चिल्ला कर कहने लगा बस करो यार तुम माँ मत बनो , वो भी सुनती रहती
है , अब तुम भी बड्ड बड्ड कर रही हो , मुझे मेरे हालात पर छोड़ दो , अभी जी रहा हूँ
एक दिन तो मर जाना है , ज़िन्दगी किसी कि नहीं होती , अभी ज़िंदा हूँ तो जी रहा हूँ
,
कल न साँस होगी
, न किसी चीज की चाहत ,
बस दर्द का
आयना है
जो एक दिन टूट
कर बिखर जाना है !!
मेने कहा बहुत डायलॉग मरने लगे हो ,चलो बहार चलो , वो
फिर बोलने लगा यर जाओ न तुम क्या तुम भी , कहा न में किसी के लायक नहीं हूँ क्यों पीछे पड़ी हो !!
अब मुझे उसकी
बातों से गुस्सा आने लगा था , और अब में चुप नहीं रही , और मेने तेज आवाज में बोला
, की तुम बस डरपोक हो , कायर हो , और कुछ नहीं , तुम भगोड़े हो , पहले प्यार से भागे थे , फिर पढाई से , और अब ज़िन्दगी
से भाग रहे हो , तुम एक कायर इंसान हो जिसको अपने सिवा कुछ नहीं दिखता न किसी की तकलीफ
, न दर्द , न ही किसी भी बात की चिंता , न माँ की ममता ,में उसे सुना रही थी , और वो
चुपचाप मुझे सुन रहा था , मेने कहा कि कितना रोई थी में तड़पी थी , और तुम बिना कुछ
कहे , बिना मेरी गलती के मुझे छोड़कर चले गए , और तो और शादी भी कर ली !!
रवि में भी
इंसान हूँ , मुझे भी दर्द होता है , तकलीफ होती है , जब भी तुम मुझे कुछ बोलते हो
!!सेहेन करती हूँ !!
क्यूंकि आज
भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ !!
रवि उसे देखता
रहा और आँखों में आंसू लेकर कहने लगा कि मुझे माफ़ कर दो सोनी में तुम्हे कभी भूल ही
नहीं पाया , में भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ !!
जब से तुमसे
दूर भाग कर आया था कभी किसी भी काम में सक्सेस नहीं हुआ !! आई पी ऐस बनना चाहता था
, और बन गया टीचर सारे सपने टूट गए वो भी मेरी गलती की वजह से , और तुम बताओ तुमने
शादी क्यों नहीं की अभी तक , मेने कहा की तुम्हारे जाने के बाद अपने काम में लग गयी
थी , बस किसी पर भरोसा ही नहीं हुआ , हर वक्त डर था की कहीं ये भी छोड़कर न चला जाए
!!
पर में तुम्हे
कभी भूल ही नहीं पायी !!
वही कविता फिर
दोनों गुनगुनाने लगे
बस कुछ और पल
लम्हे जुड़ गए थे शायरी में
अब के बिछड़े
तो शायद कभी खवाबों में मिले ,
जिस तरह सूखे
हुए फूल किताबों में मिले !!
ढूँढ उजड़े
हुए लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने
तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें !!
आज हम दार पे
खींचे गए जिन बातों पर
क्या अजब कल
वो ज़माने को निसाबों में मिलें
अब न वो मैं
न वो तू है न वो माज़ी है 'फ़राज़'
जैसे दो साए
तमन्ना के सराबों में मिलें!!
#शीतल _सिंह
Merymuskan
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