कल जो बीत गया उसे सोच कर परेशान क्यों होते हो

कल जो बीत गया उसे सोच कर परेशान क्यों होते हो .


एक प्रेरणादयाक कविता


ये मत सोचो कि तुम्हारे पास क्या नहीं है;
बल्कि, उसे सराहो जो तुम्हारे पास है और जो हो सकता है।

ये सोच कर दुखी मत हो कि तुम क्या नहीं हो;
बल्कि, ये सोच कर खुश हो कि तुम क्या हो और क्या बन सकते हो
ये मत सोचो कि लोग तुम्हारे बारे में क्या कहते हैं;

बल्कि, ये सोचो कि तुम खुद अपने बारे में क्या सोचते हो और क्या सोच सकते हो।
ये मत सोचो कि कितना समय बीत गया;

बल्कि, ये सोचो कि कितना समय बाकी है और कितना मिल सकता है।
ये मत सोचो कि तुम फेल हो गए;न ये सोचो की तुम हार गए
बल्कि, ये सोचो कि तुमने कल से क्या सीखा और तुम क्या कर सकते हो।
और तुम कल क्या कर सकते हो

ये मत सोचो कि तुमने क्या गलतियाँ कीं;
बल्कि, ये सोचो कि तुमने क्या सही किया और क्या सही कर सकते हो।
ये मत सोचो कि आज कितनी तकलीफ उठानी पड़ रही है;

बल्कि ये सोचो कि कल कितना शानदार होगा और हो सकता है।
ये मत सोचो कि क्या हो सकता था;

बल्कि, ये सोचो कि क्या है और क्या हो सकता है।
ये मत सोचो कि कप कितना खाली है;

बल्कि, ये सोचो कि कप कितना भरा है और कितना भरा जा सकता है।
ये मत सोचो कि तुमने क्या खोया;


बल्कि, ये सोचो कि तुमने क्या पाया और क्या पा सकते हो।.....................सोमी

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