अब के बिछड़े तो शायद कभी खवाबों में मिले ,

जब कोई बहुत प्यार करे और न मिल पाए तो तकलीफ होती है ,पर प्यार में कोई बेवजह छोड़ कर चले जाये , या धोखा देदे तो तकलीफ के साथ नफरत होती है ,कुछ ऐसा ही हुआ था सोनी के साथ , जो लड़की कभी किसी लड़के को नजर उठाकर देखती तक नहीं थी , कितने ही लड़के उसे पसंद करते थे ,पर वो सिर्फ अपने से मतलब रखती थी , सोनी के फैमिली बैकग्राउंड ठीक न होने की वजह से वो पढाई भी सरकारी स्कूल से कर रही थी , और साथ में ही जॉब भी करती थी ,ऐसा नहीं था की वो सपने नहीं देखती थी हर लड़की के सपने होते है , और सपनो में एक राजकुमार भी ऐसे ही टकराया था वो सोनी को , उसका राजकुमार जिसके अक्सर वो सपने देखा करती थी , हाँ रवि जो की उसके ही सामने वाले कॉलेज में रेगुलर  बी सी ऐ की  पढ़ाई कर रहा था , और एक दिन लाइब्रेरी  में सोनी से टकराया था, एक किताब के बहाने जब किताबे बदल गयी थी तब किताबें लौटाने के बहाने से दोनों की मुलाकात हुई थी , रवि बहुत पढ़ने वाला लड़का था , वही सोनी अपनी जिम्मेदारियों को संभालने वाली , बी सी ऐ की पढाई करके कंप्यूटर इंजीनियर की जॉब कर रही थी साथ में पढाई भी कर रही थी , रवि ने जब सोनी को पहली बार देखा था तभी उसे सोनी से प्यार हो गया था , और अक्सर सोनी को दूर से देखता था , रवि ने सोनी को फेसबुक पर सर्च किया तो उसने सोनी की लिखी हुई एक शायरी पढ़ी !

अब के बिछड़े तो शायद कभी खवाबों में मिले ,
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिले !!

रवि को उसकी शायरी दिल को छू गयी , अब वो हमेशा सोनी का लाइब्रेरी में इंतज़ार करता , किताबों के बदल जाने का बहाना लेकर उससे बात करने जब वो पहली बार सोनी के पास आया तो सोनी ने उसे कहा देखो तुम मुझसे दूर ही रहो तो अच्छा है ,में उन लड़कियों में से नहीं हु जो दो पल की मुलाकात में प्यार कर बैठे ,रवि ने उसे सुनते हुए उसकी कविता की आगे की लाइन कही ,

ढूँढ उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें !!

सोनि ने कहा की तुमने ये कहाँ पढ़ी तभी रवि बोला तुम्हे देखा जब से तब से सोच रहा हूँ तुम्हे बस सर्च कर लिया तुम्हे हर जगह , जहां जहां तुम थी !!

रवि अपनी किताबों से हटकर सोनी के बारे में ही सोचता रहता कि कितनी सारी  लड़कियां उसे पसंद करती है पर ये लड़की सबसे अलग है इससे मन जुड़  गया था ,अब रोज दोनों लाइब्रेरी में मिलते तो दोनों बाते करने लगे ,और बातों ही बातों में दोस्ती हो गयी थी , अब दोनों एक साथ बैठते थे , किताबें पढ़ते , रवि ने अपने बारे में सब बताया कि में आई एस या आईपीएस बनना चाहता हु और उसी के लिए पढाई कर रहा हूँ, बातों ही बातों में सोनी ने रवि से पूछा कि किसी लड़की चाहिए तुम्हे रवि ने बताया कि मेने ये कभी सोचा ही नहीं पर अब सोचने लगा हूँ , तुम्हारे जैसी नहीं तुम ही मेरी बनोगी , आई लव यू सोनी में तुमसे प्यार करने लगा हूँ ,और तुमसे शादी करना चाहता हूँ , सोनी ने ये बात सुनकर हसंकर कहा जनाब आप पढाई में ध्यान दो , लड़की के चक्कर में न पड़ो तो अच्छा है , रवि ने कहा ऐसा नहीं है , में तुम्हारी हाँ का इंतज़ार करूँगा , सोनी ने कहा ठीक है में कल जवाब देती हूँ , पर अगर मेरी न हुई तो हमारी दोस्ती पहले जैसी ही रहेगी , रवि ने कुछ नहीं कहा , वो कल के लिए रुक गया था ,
सोनी ने ज्यादा न सोचकर बस आराम से सो गयी , दूसरे दिन जब सोनी ऑफिस में थी तभी रवि का massage आया कि क्या हुआ तुमने मुझे जवाब नहीं दिया , तभी सोनी ने उसे सब बताया अपनी पढाई , अपने मम्मी पापा , बैकग्राउंड जॉब सबके बारे में बताया , और बोली कि मेरे पास कुछ नहीं तुम्हे देने के लिए , रवि ने कहा तुम हो तो सब कुछ है , तुम नहीं तो कुछ भी नहीं , तुम्हारे बिन में नहीं ,ये बातें न जाने क्यों सोनी के मन को भा गयी थी , उसे भी रवि कि बाते अच्छी लगती थी , उसका इंतज़ार करने लगी थी , दोनों मिलने लगे थे ,एक दिन रवि ने सोनी  के सोल्डर पर सर रखकर बोला कि तुम्हे पता है में इन खूबसूरत लम्हों को जीने के लिए तड़पता था ,तुम हमेशा मेरा साथ दोगी न , मुझे छोड़कर तो नहीं जाओगी कभी , में सरकारी जॉब करना चाहता हूँ शायद उसमे मुझे टाइम लगे पर मेरे साथ रहोगी न , इंतज़ार करोगी न , और तुम्हे हर वो ख़ुशी देना चाहता हूँ , जो तुम्हे ख़ुशी दे , सोनी ने कहा कि तुम्हारा बोलना ही मेरे लिए बहुत ख़ुशी की बात है ,हाँ में तुम्हारे साथ रहूंगी , ख़ुशी हो या दुःख हर वक़्त साथ दूंगी , बस कभी हार मत मानना, तो रवि कहने लगा कि तुम थोड़े में खुश हो जाती हो , में तुम्हे बहुत सारी खुशियां देने वाला हूँ ,तभी अचानक बारिश होने लगी , और रवि सोनी का हाथ पकड़ के उसे एक सेफ जगह ले गया , और बारिश को देखकर सोनी बारिश में भीगने लगी और रवि उसे देखने लगा , कितनी खूबसूरत लग रही थी वो ,रवि कहने लगा कि सोनी बेबी आपको ठण्ड लग जाएगी ,सोनी ने कहा नहीं लगेगी , बारिश में आइसक्रीम खाने का मजा ही कुछ और है ,आओ तुम भी भीग जाओ मेरे साथ में ,कहते है, ये प्यार तभी तक सिमित है जब तक वो दो लोगो के बीच का रिश्ता होता है , कोई भी तीसरी वजह प्यार के बीच आजाती है , जो रिश्ते खराब करती है ,कुछ ऐसा ही हुआ था , दोनों के बीच , एग्जाम कि वजाह से रवि बिजी रहने लगा , जो कभी घंटो घंटो बाते हुआ करती थी , वही २से ४ दिन में एक बार बात होती उसमे भी जब सोनी कॉल करती तो ही बात होती , वरना रवि ने सोनी को कॉल करना बंद कर दिया था , सोनी उसका पूरा ख्याल करती थी , दूर होकर भी कि खाना खाया कि नहीं , रवि उसे इग्नोर करने लगा था , जब वो फ़ोन करती तो बोलता में पढ़ रहा हूँ ,उससे मिलने जाती तो कहता में पढ़ रहा हूँ ,पहले जब भी सोनी बीमार होती तो उसका massage  आता कि सॉरी बाबू में आपको समय नहीं दे पा रहा हूँ , पर में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ , अब जब भी सोनी उसे बात करती तो वो इग्नोर करता , एक दिन जब सोनी ने बोला कि क्यों परेशान करते हो , तकलीफ होती है मुझे क्यों दर्द दे रहे हो , तभी रवि ने कहा कि में पढ़ रहा हूँ , जॉब लग जाने दो , में तुम्हारी वजह से फोकस नहीं कर पा रहा हूँ , सोनी ने कहा ठीक है चली जाउंगी बस एक बार कह दो कि आप मुझसे प्यार नहीं करते , पर रवि जैसे पत्थर हो गया था उसे सोनी का दर्द और उसकी मासूमियत भी नहीं दिखती थी , सोनी अपनी जॉब के साथ अपनी पढाई और घर कि जिम्मेदारियों को संभाल रही थी ,सोनी सब कुछ सेह रही थी पर फिर भी उस से बात करने के लिए आगे से massage या कॉल करती , पर उसे उसका भी जवाब नहीं मिलता , ऑनलाइन रहता था पर बात नहीं करता था ,सोनी ने भी बातें कम कर रखी थी पर फिर भी करती थी क्यूंकि प्यार था उसे , जो लड़की इन सब में कभी पड़ी ही नहीं थी , वो रवि जो पढता था , जो बनना चाहता था सबके बारे में पड़ने लगी थी , कितना मुश्किल है सरकारी जॉब पाना  ये सोचकर वो रवि से कई बार कहती क़ि सरकारी नौकरी ठीक है , पर रवि तुम कोई डिप्लोमा या प्राइवेट में भी कोई कोर्स करलो साथ में नौकरी क़ि तैयारी भी करते रहो, तभी रवि ने चिल्लाते हुए कहा क़ि तुम पागल हो गयी हो , तुम्हे पता भी है क़ि क्या कह रही हो , प्राइवेट जॉब में कितना काम होता है , मेहनत होती है , कभी इधर भागो , कभी उधर भागो   एक दिन एग्जाम का रिजल्ट आया और रवि के मार्क्स कम कि वजह से वो पास नहीं हुआ , और जाकर अपने कमरे में बैठ गया ,जब सोनी को ये बात पता चली तो सोनी ने उसे कई कॉल किये massage किये पर उसने कोई जवाब नहीं दिया , तभी वो रवि से मिलने आयी , और उसके गालों पर हाथ लगाकर कहा कि कोई बात नहीं रवि तुम अगले बरस फिर से एग्जाम देदेना , तुम पास हो जाओगे , हार मत मानो ,पर न जाने रवि को क्या हो गया था , उसने बोला कि तुम्हे क्या पता कि मेने कितनी तैयारियां की थी , तुम्हे ये पढाई समझ नहीं आएगी , तुम्हे पता भी है क़ि कितनी मेहनत लगती है , तुम्हारी कंप्यूटर की नौकरी की तरह नहीं है ,तुम जाओ यहाँ से मुझे तुमसे बात नहीं करनी है , सोनी चुपचाप उसे देखती रही , वो रो भी रही थी पर रवि को उसके आंसू भी नहीं दिखे ,
और वो रवि के कमरे से चली गयी , २ से ४ दिन तक लगातार सोनी कॉल कर रही थी पर रवि ने उसका फ़ोन नहीं उठाया , और ४ दिन बाद फ़ोन भी बंद कर दिया था , और जब वो उसके रूम पर गयी तो देखा की रवि वहाँ से जा चुका है , और उसने कई बार फ़ोन किया उसके दोस्तों को फ़ोन किया , पर उसका फ़ोन नहीं मिला ,वो अपने हॉस्टल में वापस चली गयी पढ़ने की कोशिश बकरति तो मन नहीं लगता , ऑफिस जाती तो काम नहीं कर पाती थी ,तकलीफ हो रही थी उसे , और शायद नफरत भी ,की एक ऐसे लड़के से उसने प्यार किया जो कायर था ....

पार्ट २
एक दिन जब सोनी ऑफिस में काम कर रही थी , तभी उसके पास एक फ़ोन आया और जैसे ही फ़ोन उठाया उसको एक आवाज जानी पहचानी सी लगी , हाँ ये आवाज थी रवि की माँ कि एक पल को तो मन किया कि उनका फ़ोन कट करदु , क्यों फ़ोन कर रहीं है वो मुझे  सोनि ने कहा , सोनी ने उनसे कहा हाँ जी आंटी जी कैसी हो आप और में आपके लिए क्या कर सकती हूँ , रवि की माँ ने कहा कि बेटा तुम बहुत आगे निकल चुकी हो , में तुम्हारे लिए बहुत खुश हूँ , पर दुखी भी हूँ इस बात से कि मेरे बेटे ने तुम्हारी कदर नहीं की!
बेटा में तुमसे एक मदद चाहती हूँ ,मेरे बेटे को शायद तुम ही समझा सकती हो , उसकी शादी हुई थी पर उसकी वाइफ उसे छोड़ कर चली गयी तलाक हो गया उसका अब वो भटक गया है बस तुम्हारी ही बातें करता है ,सोनी ने कहा ठीक है आंटी में देखती हूँ , सोनी पहले की बातें याद करने लगी जब रवि उसे छोड़कर चला गया था , बिना वजह के कितना तड़पी थी में , कितना दर्द सहा था मेने , अब उसकी माँ ने मुझे फ़ोन क्यों किया , में भुला चुकी थी उसे , नफरत करती हूँ उससे यही सब सोचते हुए जब में घर पर जा रही थी तो अचानक से कोई आदमी मेरी गाडी के सामने आया मेने देखा और वो गिरा पड़ा था ,मेने उसे उतर कर देखा और कहा कि जब खुदको संभाल नहीं सकते तो इतना पीते क्यों हो , उसने मुझे मुड़कर देखा तो में हैरान हो गयी , वो रवि था जो शराब पीकर सड़क पर चल रहा था , उसने मुझे देखा और बड़बड़ाने लगा बोला कि माँ बार बार ताने देती है , बीबी छोड़ गयी , जिसने चाहा था मुझे मेने कदर नहीं की, हर चीज में फ़ैल होता गया , में किसी के लायक नहीं !!
तभी मेने उसे बोला चलो में तुम्हे घर छोड़ देती हूँ , वो गाड़ी में बैठ गया , वो गाडी चलाते हुए वही पहले की बातें याद कर रही थी , रवि भी उसे देख रहा था और कहने लगा कि तुम अफसर बन गयी हो , मेने कहा हाँ बन गयी हूँ , और तुम ने शादी कब की , मन में तो आया था कि इससे पुछु कि क्यों चले गए थे मुझे छोड़कर , क्यों की शादी किसी और से , तुम्हे एक बार भी मेरा ख्याल नहीं आया , पर में चुप रही , पहले की तरह शांत थी में, आज भी , समझ नहीं आ रहा था , कि उस पर दया दिखाऊ , या नफरत करू उससे , में शांत रही मन में बस यही चल रहा था ,
ख़ामोशी का अपना मजा है ,
पेड़ों की जड़ फड़फड़ाया नहीं करती ,
यादों के पहरे बहुत है ,
पर अब में आजमाया नहीं करती !!
बहुत खेला है तुमने मेरे दिल से ,
पर अब में तेरे लिए अपने दिल को बहलाया नहीं करती !!

 और उसका घर आते ही उसे घर छोड़ दिया , रवि ने जैसे ही घर में प्रवेश किया सामने से माँ की आवाज आयी , आ गया फिर से पीकर , क्या हालत कर ली है अपनी तूने , बिलकुल नहीं सुनता किसी की , तभी रवि ने माँ का हाथ पकड़ा और बोला की माँ आज वो मिली थी , सोनी बहुत बड़ी अफसर बन गयी है ,
दूसरे दिन जब माँ ने सोनी को फ़ोन करके घर बुलाया , तो रवि अपने कमरे में बैठ कर शराब पी रहा था , और सोनी उसके पास जाकर उसका ग्लास छीन कर बोली , बस करो रवि क्या हो गया है तुम्हे , क्यों अपने आप को खत्म करने पर तुले हो , क्या हो गया है तुम्हे  तुम तो ऐसे नहीं थे , कितना पढ़ते थे ,फिर क्या हो गया तुम्हे , वो चिल्ला कर कहने लगा बस करो यार तुम माँ मत बनो , वो भी सुनती रहती है , अब तुम भी बड्ड बड्ड कर रही हो , मुझे मेरे हालात पर छोड़ दो , अभी जी रहा हूँ एक दिन तो मर जाना है , ज़िन्दगी किसी कि नहीं होती , अभी ज़िंदा हूँ तो जी रहा हूँ ,
कल न साँस होगी , न किसी चीज की चाहत ,
बस दर्द का आयना है
जो एक दिन टूट कर बिखर जाना है !!
मेने  कहा बहुत डायलॉग मरने लगे हो ,चलो बहार चलो , वो फिर बोलने लगा यर जाओ न तुम क्या तुम भी , कहा न में किसी के लायक नहीं हूँ  क्यों पीछे पड़ी हो !!
अब मुझे उसकी बातों से गुस्सा आने लगा था , और अब में चुप नहीं रही , और मेने तेज आवाज में बोला , की तुम बस डरपोक हो , कायर हो , और कुछ नहीं , तुम भगोड़े हो , पहले  प्यार से भागे थे , फिर पढाई से , और अब ज़िन्दगी से भाग रहे हो , तुम एक कायर इंसान हो जिसको अपने सिवा कुछ नहीं दिखता न किसी की तकलीफ , न दर्द , न ही किसी भी बात की चिंता , न माँ की ममता ,में उसे सुना रही थी , और वो चुपचाप मुझे सुन रहा था , मेने कहा कि कितना रोई थी में तड़पी थी , और तुम बिना कुछ कहे , बिना मेरी गलती के मुझे छोड़कर चले गए , और तो और शादी भी कर ली !!
रवि में भी इंसान हूँ , मुझे भी दर्द होता है , तकलीफ होती है , जब भी तुम मुझे कुछ बोलते हो !!सेहेन करती हूँ !!
क्यूंकि आज भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ !!
रवि उसे देखता रहा और आँखों में आंसू लेकर कहने लगा कि मुझे माफ़ कर दो सोनी में तुम्हे कभी भूल ही नहीं पाया , में भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ !!
जब से तुमसे दूर भाग कर आया था कभी किसी भी काम में सक्सेस नहीं हुआ !! आई पी ऐस बनना चाहता था , और बन गया टीचर सारे सपने टूट गए वो भी मेरी गलती की वजह से , और तुम बताओ तुमने शादी क्यों नहीं की अभी तक , मेने कहा की तुम्हारे जाने के बाद अपने काम में लग गयी थी , बस किसी पर भरोसा ही नहीं हुआ , हर वक्त डर था की कहीं ये भी छोड़कर न चला जाए !!
पर में तुम्हे कभी भूल ही नहीं पायी !!
वही कविता फिर दोनों गुनगुनाने लगे

बस कुछ और पल लम्हे जुड़ गए थे शायरी में


अब के बिछड़े तो शायद कभी खवाबों में मिले ,
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिले !!

ढूँढ उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें !!

आज हम दार पे खींचे गए जिन बातों पर
क्या अजब कल वो ज़माने को निसाबों में मिलें

अब न वो मैं न वो तू है न वो माज़ी है 'फ़राज़'
जैसे दो साए तमन्ना के सराबों में मिलें!!

#शीतल _सिंह 

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