ख़ामोशी का अपना मजा है ,
ख़ामोशी का अपना मजा है ,
पेड़ों की जड़ फड़फड़ाया नहीं करती ,
यादों के पहरे बहुत है ,
पर अब में आजमाया नहीं करती !!
बहुत खेला है तुमने मेरे दिल से ,
पर अब में तेरे लिए अपने दिल को बहलाया नहीं करती !!
यादों को खामोश कर देती हु ,
जानती हूँ इन् बातों को कि
रहना बहुत मुश्किल है तुम बिन
पर अब तुमको ये जताया नहीं करती ,
टूटने थे जो खुआब ज़िंदगी के
वो खवाबों को तोड़ चुके हो तुम
अब वही तुम्हारे साथ चलने कि धुन गुनगुनाया नहीं करती
मोहब्बत आज भी है तुमसे
पर अब तुम्हे ये बात सुनाया नहीं करती !!

ख़ामोशी का अपना मजा है ,
पेड़ों की जड़ फड़फड़ाया नहीं करती ,
इंतज़ार तुम्हारा किया बहुत है
पर अब में खुदको तड़पाया नहीं करती !
मिलने का तुमसे अब कोई बहाना नहीं करती !!
ख़ामोशी में छुपा एक जरिया हो तुम
पर अब ये बात में तुमको बता नहीं सकती ,
रूह को छू जाते हो आज भी तुम
बस अपनी रूह कि तपश को तुमसे जायर नहीं करती !!
तुमसे मिलने का अब कोई बहाना नहीं करती
ख़ामोशी का अपना मजा है ,
पेड़ों की जड़ फड़फड़ाया नहीं करती !!
नदी कि तरह खामोश हु में ,
अब तुम्हारे साथ चलने का
हवा से भी इशारा नहीं करती !!
ख़ामोशी का अपना मजा है ,
ख़ामोशी का अपना मजा है !!
#सोमी
https://www.facebook.com/Meri.Muskan.My.Dreams.is.My.would/
https://www.speakingtree.in/blog/it-is-not-the-heart-is-the-stone
http://merymuskan.blogspot.com/
https://goo.gl/hYKdwH
पेड़ों की जड़ फड़फड़ाया नहीं करती ,
यादों के पहरे बहुत है ,
पर अब में आजमाया नहीं करती !!
बहुत खेला है तुमने मेरे दिल से ,
पर अब में तेरे लिए अपने दिल को बहलाया नहीं करती !!
यादों को खामोश कर देती हु ,
जानती हूँ इन् बातों को कि
रहना बहुत मुश्किल है तुम बिन
पर अब तुमको ये जताया नहीं करती ,
टूटने थे जो खुआब ज़िंदगी के
वो खवाबों को तोड़ चुके हो तुम
अब वही तुम्हारे साथ चलने कि धुन गुनगुनाया नहीं करती
मोहब्बत आज भी है तुमसे
पर अब तुम्हे ये बात सुनाया नहीं करती !!

ख़ामोशी का अपना मजा है ,
पेड़ों की जड़ फड़फड़ाया नहीं करती ,
इंतज़ार तुम्हारा किया बहुत है
पर अब में खुदको तड़पाया नहीं करती !
मिलने का तुमसे अब कोई बहाना नहीं करती !!
ख़ामोशी में छुपा एक जरिया हो तुम
पर अब ये बात में तुमको बता नहीं सकती ,
रूह को छू जाते हो आज भी तुम
बस अपनी रूह कि तपश को तुमसे जायर नहीं करती !!
तुमसे मिलने का अब कोई बहाना नहीं करती
ख़ामोशी का अपना मजा है ,
पेड़ों की जड़ फड़फड़ाया नहीं करती !!
नदी कि तरह खामोश हु में ,
अब तुम्हारे साथ चलने का
हवा से भी इशारा नहीं करती !!
ख़ामोशी का अपना मजा है ,
ख़ामोशी का अपना मजा है !!
#सोमी
https://www.facebook.com/Meri.Muskan.My.Dreams.is.My.would/
https://www.speakingtree.in/blog/it-is-not-the-heart-is-the-stone
http://merymuskan.blogspot.com/
https://goo.gl/hYKdwH
Post a Comment